मकर संक्रांति पर्व से पहले भी नहीं हुई यमुना घाटों की सफाई
संवाद सहयोगी कालपी मकर संक्राति के त्योहार में मात्र तीन दिन बचे हैं। यमुना नदी में बड़ी स
संवाद सहयोगी, कालपी : मकर संक्राति के त्योहार में मात्र तीन दिन बचे हैं। यमुना नदी में बड़ी संख्या में लोग स्नान पूजन-पाठ के लिए पहुंचते हैं। इसके बावजूद अभी तक जिम्मेदारों ने सफाई की तरफ कदम नहीं बढ़ाए हैं। बाढ़ के दौरान बहकर आई सिल्ट अभी तक घाटों पर जमी है। घाट के चारों तरफ गंदगी पसरी है और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालांकि नगर पालिका सफाई कराने का दावा कर रही है।
मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। यमुना के किलाघाट, पीलाघाट व ढोड़ेश्वर घाट पर उरई कोंच कानपुर देहात व ग्रामीण अंचलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं। इन घाटों पर नगर पालिका अभी तक पूर्ण रूप से सफाई नहीं करा पाई है। किलाघाट के घाट पर मुख्य स्नान होता है लेकिन किलाघाट के घाटों पर यमुना में आई बाढ़ की सिल्ट की मोटी परत घाटों पर ही जमीं हुई है। घाट पर कूड़ा व गंदगी फैली हुई है।
शराब की खाली बोतलें भी बिखरी पड़ी हैं वहीं घाटों पर जमी सिल्ट में छोटे छोटे पौधे भी उगे हैं जिसको लेकर श्रृद्धालुओं में रोष व्याप्त है। हालांकि नगर पालिका ने घाटों की सफाई कराने का दावा कर रही है लेकिन लोगों को किलाघाट पर सफाई नहीं दिख रही है। श्रद्धालुओं की पीड़ा :
मकर संक्रांति के त्योहार पर स्नान व दान का विशेष महत्व है और घाटों पर सफाई न होने से विडंबना है जिससे लोगों को स्नान में परेशानी होगी। हर हाल में सफाई कराई जाए।
अमित पांडेय मकर संक्रांति का पर्व प्राचीन नगर में जोरशोर से मनाया जाता है। जनपद ही नहीं अगल बगल के जनपदों से लोग कालपी स्नान के लिए आते है सफाई व्यवस्था हर हाल में दुरुस्त होनी चाहिए।
शिवम यादव
कालपी काशी का दूसरा रूप है। यहां पर स्नान का बड़ा महत्व है किलाघाट के घाट पर स्नान के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं लेकिन फिर भी इन घाटों की उपेक्षा ठीक नहीं है इस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
राकेश पुरवार
घाटों की सफाई करवाई जा रही है जहां पर भी कमी बची है उसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। श्रृद्धालुओं को कोई असुविधा नहीं होने दी जाएगा।
सुशील कुमार, ईओ नगर पालिका