खेती में महिलाओं का अहम योगदान
जागरण संवाददाता, उरई : खेती में महिलाओं का अहम योगदान रहता है, इसे नकारा नहीं जा सक
जागरण संवाददाता, उरई : खेती में महिलाओं का अहम योगदान रहता है, इसे नकारा नहीं जा सकता।
उक्त बात वैज्ञानिक डा. राजकुमारी ने सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र पर आयोजित महिला किसान दिवस कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि महिलाओं का कृषि के क्षेत्र में बड़ा योगदान है। गृह कार्य करने के बाद खेती के लिए सबसे ज्यादा श्रम करती हैं। खेती की मिट्टी तैयार करने से फसल तक उनका काम रहता है। महिलाएं कृषि के साथ ही मछली पालन, कृषि वानिकी और पशुपालन में भी अपना योगदान दे रही हैं। केंद्र अध्यक्ष डा. राजीव कुमार ¨सह ने कहा कि महिलाओं को अपनी प्रतिभा को पहचानना चाहिए। जब भी सीखने का अवसर मिले जरूर सीखना चाहिए। सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। इस मौके पर वाद-विवाद प्रतियोगिता और हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। वाद-विवाद प्रतियोगिता में महादेवी कुशवाहा ने प्रथम, सीमा कुशवाहा ने द्वितीय और प्रियंका ने तीसरा स्थान पाया। हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी में महिलाओं ने हाथ बनीं वस्तुएं जैसे तोरण, डोर मेट, रूमाल, गुलदस्ता, टेडी बियर, ज्वेलरी को प्रदर्शन हेतु रखा गया। रमारानी को प्रथम, रेनू को द्वितीय और महादेवी कुशवाहा को तृतीय स्थान मिला। इस मौके पर बृजेश शर्मा, सतीश कुमार, बालकराम, शिवदयाल मौजूद रहे।