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खेत को बना दिया रास्ता, घर पर लगी निगाहें

संवाद सूत्र, डकोर : जिले में खनन माफिया की दहशत इस कदर छाई है, इसकी बानगी बंधौली कोलू ख

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 07:00 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 07:00 PM (IST)
खेत को बना दिया रास्ता, घर पर लगी निगाहें

संवाद सूत्र, डकोर : जिले में खनन माफिया की दहशत इस कदर छाई है, इसकी बानगी बंधौली कोलू खदान के संचालकों में देखने को मिलती है। गांव के लोग दबंगई से दहशत में जी रहे हैं। उनके खेतों से निकाले जा रहे ओवरलोडेड वाहनों ने जहां एक-एक दाने को मोहताज कर दिया है, वहीं लगभग एक दशक से बने मकानों पर भी संकट दिखाई दे रहा है। खनन माफिया घर पर कब्जे की धमकी दे रहे हैं। पीड़ितों का आरोप है कि कई बार इसकी शिकायत की जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। घाट संचालकों की पैठ के आगे उनकी आह दब जा रही है।

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बंधौली गांव के कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि उनके खेत से मौरंग लदे भारी वाहन निकाले जाते हैं। जिससे फसल बर्बाद हो चुकी है। उनके सामने खाने को लाले पड़ गए हैं। घाट नंबर एक के संचालक खुलेआम दबंगई दिखाते हैं। उनके गुर्गे असलहों के बल पर चहलकदमी करते हैं, जिससे वह लोग खुलकर विरोध भी नहीं पा रहे हैं। संचालकों के जिले का ही निवासी होने के कारण उनकी पैठ गहरी है। वर्षो से उनकी जमीन को अब अपना बताने लगे हैं। लगभग दस वर्षो से वह लोग खेत में ही घर बनाकर रह रहे हैं, अब उसे भी अपना बताने लगे हैं। दो-दो बीघा जमीन से करते भरणपोषण : किसानों का कहना है कि उनके पास महज दो-दो बीघा जमीन है, जिससे घर का भरणपोषण करते हैं। परिवार पालने के लिए वह लोग मजदूरी भी करते हैं। पिछले कुछ समय से बेखौफ संचालक उनकी जमीन पर नजरें जमाए हैं। स्थानीय लेखपाल को भी अपने पक्ष में कर लिया गया है। जांच होने पर वह उनके हिसाब से ही रिपोर्ट बनाते हैं। वह लोग इस बाबत कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं। खतौनी में दर्ज हैं आवास : बंधौली गांव के किसान अमर चंद्र, मानिक राजपूत, स्वामीदीन, मलखान, मुन्ना, श्रीराम, चेनु आदि बताते हैं कि चार एकड़ जमीन से रोज दर्जनों ओवरलोड ट्रक निकाले जा रहे हैं। इस जमीन पर खतौनी में उनके आवास दर्ज हैं। अंदेशा जताया है कि खनन माफिया मिलीभगत कर हमारी खेत की जगह बदल देंगे, जिस खेत पर हमारा निजी आवास बना है। बोले जिम्मेदार

कानूनगो विजय ¨सह का कहना है कि जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। किसान बेवजह झगड़ा कर रहे हैं, जिस जगह की बात कह रहे हैं, वहां उनके खेत नहीं हैं।


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