सोलह श्रृंगार से सजीं सुहागिनों ने चांद देख तोड़ा व्रत
जागरण संवाददाता उरई रविवार का दिन हर सुहागिन के लिए खास रहा। पिछले कई दिन से कर
जागरण संवाददाता, उरई : रविवार का दिन हर सुहागिन के लिए खास रहा। पिछले कई दिन से करवा चौथ की तैयारी पूरा करने के बाद यह महिलाएं सोलह श्रृंगार कर सकी। आठ बजकर 15 मिनट पर जैसे ही चांद निकला। उसी दौरान सुहागिन महिलाओं ने छलनी से चांद देखकर पति की लंबी उम्र की दुआ मांगी।
आंखों-आंखों में हुई बतियां दिलों तक उतरीं और एक-दूसरे के प्रति सम्मान व विश्वास की ज्योति प्रचंड हुई। शहरभर में उत्सव का माहौल रहा। श्रद्धा व भक्तिभाव से महिलाओं ने व्रत रखा। दोपहर में विभिन्न कालोनियों में अनेक महिलाएं इकट्ठा हुई। कथा श्रवण कर देव-उपासना हुई। दिनभर व्रत रखकर सुहागिनों ने रात में छलनी से चांद का दीदार किया और अर्घ्य अर्पण कर पति की दीर्घायु व स्वस्थ रहने की कामना की। वहीं पतियों ने जल पिलाकर अपने जीवन-साथी का साथ निभाने का मूक ऐलान किया।
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पति की दीर्घायु के लिए सुनी कथा
दोपहर के समय कई जगह सती की कथा हो रही थी। इस दौरान सुहागिनों ने कथा सुनी। अपने पति के लिए दुआ मांग पूजा-अर्चना की। रात को चांद का दीदार कर व्रत खोला। पतियों ने पत्नियों को उपहार भेंटकर प्रेम प्रदर्शित किया। व्रत खोलने के बाद महिलाओं ने बड़ों का आशीर्वाद लिया।
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करवा चौथ के दिन की 16 श्रृंगार
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार की। जिसमें सिदूर, बिदी, मंगल सूत्र, मांग टीका, काजल, नथनी, कर्णफूल, मेंहदी, चूड़ी, लाल रंग के वस्त्र, बिछिया, पायल, कमरबंद, अंगूठी, बाजूबंद, गजरा, काल की बाली व झुमका पहनकर तैयार की।
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करवा चौथ में सजाया इस तरह थाली
दोपहर के वक्त करवा मां की पूजा-अर्चना की। थाली में कुमकुम, हल्दी, सींक, सुहाग की सामान, करवा माता की फोटो और उनकी कथा की पुस्तक शामिल थी। विधिपूर्वक माता की पूजा हुई। इसके बाद अपने से बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया।