छह नलकूप बंद, एक लाख लोग पानी के लिए परेशान
संवाद सूत्र, कदौरा : नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में पीने के पानी के लिये हाहाकार है। पिछले 72 घ्
संवाद सूत्र, कदौरा : नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में पीने के पानी के लिये हाहाकार है। पिछले 72 घंटों से कदौरा क्षेत्र की जल संस्थान इकाई के छह नलकूप बंद होने से करीब एक लाख लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। कई जगहों पर तो लोगों को दूषित पानी भी पीना पड़ रहा है।
क्षेत्र में जल संस्थान के पास कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर कुल छह नलकूप हैं जिनमें कदौरा में दो, बबीना में एक, नमरगायां में एक, भेड़ी में एक, कुसमरा बावनी में एक व हांसा में एक नलकूप लगा है जिनसे पूरे क्षेत्र में पाइप लाइन के सहारे पानी की सप्लाई होती है। जिससे लोगों को पीने के लिए पानी उपलब्ध होता है। नलकूप बंद होने का प्रमुख कारण बबीना स्थित 132 केवीए पावर हाउस से बिजली की सप्लाई बाधित होना है जिससे नलकूप नहीं चल पा रहे हैं। 72 घंटों से बिजली की आंख मिचौली के कारण यह नलकूप नहीं चल पाये हैं जिससे क्षेत्र के करीब एक लाख लोगों को पानी मुहैया नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र के लोग प्यास बुझाने के लिए कई जगह तो हैंडपंपों से निकल रहे गंदे पानी पीने को मजबूर हैं और कुछ क्षेत्र में लोग कुओं का दूषित पानी पी रहे हैं। जहां पर ज्यादा हैंडंप खराब हैं और कुएं भी सूखे पड़े हैं वहां के लोगों को दूसरों गांवों में पानी भरने जाना पड़ रहा है। गंदा पानी पीने से लोगों को बीमारियों के फैलने का खतरा भी सताने लगा है।
बोले जिम्मेदार
इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. एसडी चौधरी का कहना है कि गंदा पानी पीने से टाईफाइड, पीलिया, उल्टी दस्त, पेट मे कीड़े व पोलियो होने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि हो सके तो दस लीटर पानी में एक क्लोरीन की गोली डाल दें और वही पानी पीने में प्रयोग करें।
विद्युत विभाग के अवर अभियंता गौरव कुमार का कहना है कि 400 केवीए की ट्रांसमिशन लाइन में काम चल रहा है इस काम को करने के लोगों को उरई हाईड्रिल से शट डाउन लेना पड़ता है जिससे दिन में सप्लाई बाधित रहती है। जिससे थोड़ी सी दिक्कत आ रही है एक दो दिन में काम खत्म हो जाएगा उसके बाद विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से शुरू हो जाएगी।
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जल संस्थान के अवर अभियंता सभापति यादव का कहना है कि जब विद्युत आपूर्ति नहीं होगी तो नलकूप कैसे चलेंगे। जल संस्थान के पास विद्युत आपूर्ति की कोई वैकल्पिक व्यवस्था तो है नहीं। जब विद्युत आपूर्ति मिलेगी तभी जल संस्थान पानी दे पाएगा।