श्रद्धा भाव से मनाई गई शरद पूर्णिमा
संस,जालौन : शरद पूर्णिमा का पर्व मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा अर्चना कर बड़े ही श्रद्धा भाव के
संस,जालौन : शरद पूर्णिमा का पर्व मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा अर्चना कर बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया।
शरद पूर्णिमा का त्यौहार ¨हदू पचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। महिलाओं द्वारा मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर धन वैभव प्राप्ति की कामना की गई। कथा वाचक पं. अर¨वद वाजपेयी ने कथा का रसपान कराते हुए कहा कि एक किवदंती के अनुसार प्राचीनकाल में एक राजा की दो पुत्रियां थीं। जो शरद पूर्णिमा का व्रत रखती थीं। जिसमें राजा की छोटी पुत्री द्वारा उक्त व्रत पूर्ण विधि विधान से नहीं किया गया। जिसके फल स्वरूप उसकी संतानें जीवित नहीं रहती थीं। जब उसने विद्वानों की सलाह पर विधि विधान पूर्वक शरद पूर्णिमा का व्रत किया तो उसे पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई। तभी से महिलाओं द्वारा संतान के अभय के लिए उक्त व्रत को रखा जाता है। इस दिन महिलाओं द्वारा चंद्रोदय होने पर मिट्टी के दीपक जलाए गए। इसके साथ ही घी व चीनी से बनी खीर चंद्रमा की चांदनी में रखी गई। एक पहर बीतने पर उक्त खीर का भोग महिलाओं द्वारा पूर्ण श्रद्धा भाव के साथ मां लक्ष्मी को अर्पित किया गया।