पत्नी की मौत की वजह भी रहा कुकर्मी राम बिहारी
असद अहमद कोंच (जालौन) यौन शोषण के आरोपित सेवानिवृत्त कानून के जुर्मों की कहानी सिर्फ ना
असद अहमद, कोंच (जालौन): यौन शोषण के आरोपित सेवानिवृत्त कानून के जुर्मों की कहानी सिर्फ नाबालिगों तक ही सीमित नहीं रही है। उसने अपनी पत्नी को भी कम यातना नहीं दी। छह माह पूर्व मरी पत्नी इसके कुकृत्यों को जानती थी और इसका हमेशा विरोध करती थी। एक ही घर में रहे दोनों कभी एक साथ नहीं रहे। इस बात की तस्दीक उसकी मौत के बाद उसके रिश्तेदार बयां कर रहे हैं।
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राम बिहारी राठौर का अपनी दिवंगत पत्नी ऊषा से कभी कोई संपर्क नही रहा। हालांकि उसकी पत्नी उषा उसी घर में रहती जरूर थी लेकिन वह घर के अंदर के कमरे में अकेली ही रहती थी। एक ही घर में भी दोनों किरायेदार की भांति रहते थे। यही कारण रहा कि विवाह के 35 साल बीत जाने बाद भी आरोपित के कोई संतान नही थी।
कोरोना काल में जुलाई माह में सांस शुगर की बीमारी से उसकी मौत हो गई। वह अपने पति के कुकृत्यों का हमेशा विरोध करती रही जिससे खफा होकर राम बिहारी उससे लड़ा करता था जिस कारण वह अपने मायके चली जाती थी और एक- एक साल तक वापस नही आती थी। राम बिहारी भी उसकी भी सुध नही लिया करता था। मजबूर होकर पत्नी के परिवार वाले उसके यहां छोड़ जाया करते थे। शादी के बाद से आरोपित मात्र दो चार बार ही अपनी ससुराल कालपी गया होगा। वह ससुराल वालों से भी कोई संबंध नही रखता था। आरोपित के घर के अंदरूनी हिस्से में उसकी पत्नी का था आरोपित उस कमरे में न सो कर बाहर उसी कमरे में सोया करता था जिसमें उसने सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे थे। यहीं वह नाबालिगों के साथ कुकर्म करते समय का वीडियो बनाया करता था। एक रिश्तेदार के अनुसार उसने अपनी बीमार पत्नी का कहीं किसी बड़े अस्पताल में उपचार भी नही कराया था। नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद उसकी अय्याशियां और बढ़ गईं थी जिस कारण उसकी पत्नी ज्यादा बीमार रहने लगी थी। उसकी देखभाल करने वाला भी कोई नही बचा था। आरोपित रामबिहारी के एक अन्य करीबी नातेदार बताते हैं कि वह किसी रिश्तेदार से कोई संबंध नही रखता था। यहां तक वह अपने सगे भाई बहन से भी दूरी बनाकर चला करता था । वह भी मानते हैं कि उसके उत्पीड़न के कारण ही उसकी पत्नी परेशान और बीमार रहा करती थी।