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पराली जलाने की घटना छुपाने पर प्रधान भी होंगे दोषी

संवाद सहयोगी कोंच ग्राम प्रधानों को भी अब पराली

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 11:45 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 11:45 PM (IST)
पराली जलाने की घटना छुपाने पर प्रधान भी होंगे दोषी

संवाद सहयोगी, कोंच : ग्राम प्रधानों को भी अब पराली जलाने वाले किसानों पर नजर रखनी होगी। अन्यथा उन्हें भी भागीदारी मानते हुए कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

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एसडीएम अशोक कुमार ने बताया कि पराली जलने से वायु प्रदूषण बढ़ता है। साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है। उच्चतम न्यायालय के साथ साथ प्रदेश सरकार ने भी पराली जलाने वाले लोगों द्वारा अर्थदंड एवं कारावास का प्रावधान कर रखा है। डीएम डॉ. मन्नान अख्तर ने भी अभी विभागों के अधिकारियों एवं गांव के प्रधानों को पत्र के माध्यम से कहा है कि ग्राम पंचायतों में बैठक कराकर फसलों के अवशेष न जलाए जाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करें। उन्होंने ग्राम प्रधान और लेखपाल को उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति फसलों के अवशेष जलाता है तो ग्राम प्रधान का दायित्व होगा कि वह संबंधित लेखपाल को लिखित रूप से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि तहसीलदार एसडीएम को लिखित में सूचित करेगा यदि कोई प्रधान पराली जलाने की घटना को छिपाता है और उच्चाधिकारियों को अवगत कराने में शिथिलता बरतता है तो यह माना जाएगा कि वह भी संलिप्त है इसलिए उसे भी सह अभियुक्ति बनाया जाएगा।

पराली जलाने पर अर्थदंड

-दो एकड़ से कम क्षेत्र 2500 रुपये प्रति घटना

- दो एकड़ से पांच एकड़ क्षेत्र के लिए 5000 प्रति घटना

- तीन से पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र पर 15000 रुपये प्रति घटना

- घटना की पुनरावृत्ति पर कारावास एवं अर्थदंड दोनों


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