घटनाओं से सबक नहीं, विस्फोट का इंतजार
संस,जालौन (उरई) : पूर्व में बारूद से हुई विस्फोट की घटनाओं के बावजूद प्रशासन ने सबक नहीं ि
संस,जालौन (उरई) : पूर्व में बारूद से हुई विस्फोट की घटनाओं के बावजूद प्रशासन ने सबक नहीं लिया है। रिहायशी इलाकों के बीच खोली गई बारूद की दुकानों में नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है, लेकिन जिम्मेदारों की अब तक नींद नहीं टूटी है।
दीपावली में पटाखों की बिक्री करने की तैयारी कर रहे दुकानदारों ने छत्रसाल इंटर कालेज के बगल में रिहाइशी इलाके के बीच में दुकानें सजा दी है। इतना ही नहीं दुकानदारों ने जिलाधिकारी द्वारा जारी किए गए लाइसेंस से कहीं ज्यादा बारूद को पटाखा निर्माता न सिर्फ बना रहे बल्कि भंडारण भी कर रहे हैं।
वहीं दुकानों के आसपास भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। दुकानों के पास रखी पानी की अधिकांश टंकियां खाली पड़ी हैं साथ ही दमकल की गाड़ियां भी नहीं खड़ी की गई है। कई दुकानों में अग्निशमन यंत्र की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कोई अनहोनी होने पर बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।
पूर्व में हुए बड़े हादसे
- 1992 में झंडा चौराहे पर बारूद की दुकानों में आग लग गई थी। अग्निकांड में 9 लोगों की मौत हो गई थी, इनमें एक ही परिवार के पांच लोग शामिल थे।
- 2006 में बारूद में आग लगने से नत्थू यादव के पड़ोस में मकान गिर गया था।
- 2016 में चिमन दुबे मोहल्ले में पटाखों में आग लगने से दादी व पोती की मौत हो गई थी। वर्जन -
मौके पर जाकर सुरक्षा के नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- संजय कुमार शर्मा, सीओ