सूदखोरी पर अंकुश नहीं, कई लोग गंवा चुके जान
जागरण संवाददाता उरई सख्त कानून के बावजूद सूदखोरों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जरूरत पर लिए गए कर्ज पर ब्याज बढ़ने से लेदनदार पर इतना बोझ बढ़ जाता है कि उसे चुकता करना उसके लिए मुश्किल हो जाता है अंत में मौत को गले लगाने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं बचता है। कुठौंद में होटल चलाने वाले सुबोध कुमार मिश्रा के गुलजार परिवार सूदखोंरों की भेंट चढ़ गया। व्यापार बढ़ाने के लिए उसने कई लोगों से रुपये उधार लिए थे परंतु व्यापार अपेक्षित रूप से बढ़ न पाने की वजह से वह कर्ज की रकम रुकता नहीं कर पा रहा था। जिसकी वजह से उसके ऊपर सूदखोरों का दबाव बढ़ता जा रहा था सूदखोर घर पर पहुंचकर उसे अपमानित करते थे।
जागरण संवाददाता, उरई : सख्त कानून के बावजूद सूदखोरों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जरूरत पर लिए गए कर्ज पर ब्याज बढ़ने से कर्जदार पर इतना बोझ बढ़ जाता है कि उसे चुकता करना उसके लिए मुश्किल हो जाता है। अंत में मौत को गले लगाने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं बचता है।
कुठौंद में होटल चलाने वाले सुबोध कुमार मिश्रा का गुलजार परिवार सूदखोंरों की भेंट चढ़ गया। व्यापार बढ़ाने के लिए उसने कई लोगों से रुपये उधार लिए थे, परंतु व्यापार अपेक्षित रूप से बढ़ न पाने की वजह से वह कर्ज की रकम चुकता नहीं कर पा रहा था। जिसकी वजह से उसके ऊपर सूदखोरों का दबाव बढ़ता जा रहा था। सूदखोर घर पर पहुंचकर उसे अपमानित करते थे। रोज रोज के अपमान से त्रस्त होकर आखिर में सुबोध ने अपनी जिदगी खत्म करने का मन बना लिया। गंभीर बात यह है कि घर में वही अकेला कमाने वाला सदस्य था। उसकी मौत के बाद पूरा परिवार बेसहारा हो गया। सप्ताह भर के भीतर सूदखोरी के चलते खुदकशी का यह दूसरा मामला है। इससे पहले उरई को मोहल्ला रामनगर में 12 वीं के छात्र ऋषभ ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली थी। ऋषभ को सूदखोरों ने मोबाइल फोन के लिए उधार रुपये दिए थे। बाद में ब्याज समेत उससे एक लाख रुपये की मांग की जाने लगी। उसे घर से उठा ले जाने की धमकी दी गई। जिसके चलते आखिरकार उसने खुदकशी कर ली। जिसके बाद चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की जाएगी। जो भी घटना के लिए जिम्मेदार है उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। - डॉ. सतीश कुमार, पुलिस अधीक्षक