पुरानी किताबों से पढ़ाई कर रहे नौनिहाल
जागरण टीम उरई कोरोना की रफ्तार धीमी होने के बाद शुरू किए परिषदीय विद्यालयों में संस
जागरण टीम, उरई : कोरोना की रफ्तार धीमी होने के बाद शुरू किए परिषदीय विद्यालयों में संसाधनों का अभी भी टोटा है। प्राथमिक विद्यालयों में ज्यादातर बच्चों को पूरी किताबें नहीं मिली हैं। इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विद्यालय तो खोल दिए गए हैं लेकिन किताबों के अभाव में बच्चे सिर्फ अभ्यास करके काम चला रहे हैं।
जिले की पांच तहसीलों व नौ ब्लाकों में प्राथमिक विद्यालय 959, पूर्व माध्यमिक विद्यालय 322 व कंपोजिट विद्यालय 229 संचालित हो रहे हैं। एक सितंबर से सरकार ने सभी विद्यालय खोल दिए हैं। जिससे बच्चों का दाखिला शुरू हो गया और पढ़ाई भी संचालित हैं। इन विद्यालयों के ज्यादातर बच्चों के पास अभी तक पूरी किताबें नहीं पहुंची हैं जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई बच्चों को तो एक भी किताबें नहीं मिली हैं और वह पुरानी किताबों से पढ़ाई करने को मजबूर हैं। इसके साथ ही बच्चों के ड्रेस का पैसा भी अभिभावकों के खातों में भेजा जा रहा है। जिन अभिभावकों के खाता संख्या गलत थे उनमें सुधार करके जल्द ही पैसा भेजा जाएगा। एक :
पुरानी पुस्तकों से हो रही पढ़ाई :
जालौन : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त 40 स्कूलों में पंजीकृत छात्र सरकारी पुस्तकों की जगह प्राइवेट पुस्तकों से पढ़ाई कर रहे हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय लौना में कक्षा 6 व 7 की कोई पुस्तक नहीं आयी है। पुरानी पुस्तकों के सहारे पढ़ाई की जा रही है। प्राथमिक विद्यालय वीरपुरा में गल्ती से हिन्दी माध्यम की जगह अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकें पहुंच गयी है। जिन्हें बदला जा रहा है। दो :
ज्यादातर बच्चों को मिली किताबें
कदौरा: ग्राम गर्रेही के परिषदीय स्कूल में कुल 120 बच्चे पंजीकृत हैं जिसमें से 113 बच्चों को किताबें वितरित की गई हैं। प्रधानाध्यापक सुरेंद्र पाल ने बताया कि पहले के मांगर के अनुसार 113 बच्चों को किताबे वितरित की जा चुकी हैं। सात पंजीकृत बच्चों के लिए फिर से मांगपत्र भेज गया है। मवई अहीर के विद्यालय में कुल 51 बच्चे पंजीकृत हैं जिसमें सभी बच्चों को किताबें वितरित की जा चुकी हैं। तीन :
ड्रेसों का नहीं हुआ वितरण
माधौगढ़ : प्राथमिक विद्यालय बुढ़नपरा में प्रधानाध्यापक सुरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया इस विद्यालय में 43 छात्र छात्राएं पंजीकृत हैं जिसमें कक्षा 1 से लेकर 5 तक के सभी को किताबें वितरण हो चुकी हैं। अभी ड्रेसों को वितरण नहीं हुआ है। इसी तरह रामपुरा के प्राथमिक विद्यालय नरौल में 128 बच्चे पंजीकृत हैं जिसमें किताबें वितरित की चुकी हैं। कन्या प्राथमिक विद्यालय टीहर में पंजीकृत 91 छात्राओं में 60 छात्राओं अध्यापक सुरेश कुमार ने पुस्तकें वितरित क दी गई हैं। चार :
सिर्फ छह विषयों की मिली किताबें
महेबा : एक वर्ष बाद स्कूल खोलने पर छात्रों की संख्या में कोई कमी नहीं दिख रही। ब्लाक के सोहरापुर स्कूल पहुंचकर जब कक्षा छह के छात्र रोशन एवं आदित्य से किताबों के वितरण के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया उन्हें कोई किताब नहीं मिली है। वह पुरानी किताबों से पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा कक्षा आठ के छात्र विपिन व विक्रांत ने बताया कि केवल छह विषयों की किताबें मिली हैं। गृह विज्ञान, कृषि, भूगोल, स्काउट गाइड, शारीरिक शिक्षा कला की किताबें अभी तक नहीं मिली हैं। ----------------
सभी विद्यालयों में पुस्तकें बीआरसी के माध्यम से भेजी जा रही हैं। इसी सप्ताह तक सभी विद्यालयों के बच्चों को किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी। जिससे कि उनकी पढ़ाई बाधित न हो।
प्रेमचंद्र यादव, बीएसए