पचास से अधिक गांवों में माया ने जगाई स्वच्छता की अलख
रामपुरा ब्लाक के गांव सोनेपुरा की रहने वाली माया देवी न
जागरण संवाददाता, उरई : रामपुरा ब्लाक के गांव सोनेपुरा की रहने वाली माया देवी ने पचास से अधिक गांवों में लोगों को शौचालय बनवाने और खुले में शौच न जाने के लिए प्रेरित किया। कुछ जगहों पर उनको विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने अभियान में जुटी रहीं। नतीजतन वह कई गांवों में शौचालय निर्माण के लिए लोगों को समझाने में सफल हुईं। इसके साथ ही वह समूहों का गठन कर महिलाओं को सशक्त बनाने में भी लगी हुई हैं।
माया देवी का विवाह वर्ष 2001 में राजेश कुमार के साथ हुआ था। पति प्राइवेट काम दिल्ली में करते हैं। घर में आर्थिक स्थिति अधिक अच्छी नहीं थीं। वह भी अन्य महिलाओं की तरह घर में चौका बर्तन करती थीं। घर में शौचालय की व्यवस्था नहीं ती उन्हें गांव की अन्य महिलाओं के साथ खुले में जाना पड़ता था। यह सब माया को अच्छा नहीं लगता था। उनके मन में टीस थी कि लोग अपने अधिकारों व स्वच्छता के प्रति कितने लापरवाह हैं। माया घर से निकलकर अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थीं। आखिर एक लोगों की मदद से वह एक समाजसेवी संस्था से जुड़ गईं और पहला काम यहीं किया कि कुछ महिलाओं की टीम गठित कर गांव-गांव मीटिग कर महिलाओं को खुले में शौच न जाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही कहा कि सरकार जब सहूलियत दे रही है तो शौचालय बनवाने में हर्ज क्या है। धूप, बारिश में खेतों में तो शौच के लिए नहीं जाना पड़ेगा। एक दो गांवों में कुछ लोगों ने कहा भी कि ज्यादा ज्ञान न बांटो और जाकर अपना काम करो। बड़ी आई समझाने वाली लेकिन इसके बाद भी वह अपने अभियान में लगी रहीं। नतीजतन पांच सौ से अधिक परिवारों ने इनके प्रयास से शौचालय बना लिए।