कुप्रबंधन के चलते बंद कई सामुदायिक शौचालय
जागरण संवाददाता उरई शहर को साफ सुथरा रख
जागरण संवाददाता, उरई : शहर को साफ सुथरा रखने के लिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनवाए गए सामुदायिक शौचालय कुप्रबंधन के चलते फलीभूत साबित नहीं हो रहे हैं। कई शौचालयों में तो ताला लटका रहता है। इस स्थिति में इनका लाभ शहरी बाशिदों को नहीं मिल पा रहा है। जबकि इनको बनवाने में लाखों रुपये की धनराशि खर्च कर दी गई।
शहर के लगभग हर क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय बने हुए हैं। इनमें से कई तो ठीक ठाक संचालित हो रहे हैं लेकिन कुछ सामुदायिक शौचालय ऐसे हैं जिनमें न कर्मचारी हैं न कोई देखरेख करने वाला। इस स्थिति में इन पर ताला लटका रहता है। लोग शौच के लिए जाना चाहें तो कहां जाएं। जबकि स्वच्छता के लिहाज से इनका निर्माण करवाया गया था ताकि गरीब और मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग खुले में शौच के लिए न जाएं। लापरवाही भले ही किसी की हो लेकिन वास्तविकता यह है कि इन सामुदायिक शौचालयों का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। शौचालयों का रखरखाव किया जा रहा है। हो सकता है कि एक दो शौचालय ऐसे हों जिनमें कर्मचारियों के अभाव की वजह से बंद हों लेकिन अन्य सामुदायिक शौचालय संचालित हैं। जो बंद हैं उनको भी चालू करवा दिया जाएगा।
अनिल बहुगुणा, चेयरमैन, नगर पालिका परिषद