झांसी में होगी जिले के साइबर अपराधों की जांच
जागरण संवाददाता उरई स्मार्ट फोन के दौर में हर क
जागरण संवाददाता, उरई : स्मार्ट फोन के दौर में हर कोई सोशल साइटों का यूजर हो गया है, साथ ही यूपीआइ के माध्यम से ऑनलाइन मार्केंटिग हो रही है। जिसके चलते ऑनलाइन ठगी , सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट एवं वायरल कर चरित्र हनन जैसे साइबर अपराधों में लगातार इजाफा हो रहा है। गंभीर बात यह है कि ऐसे अपराधों पर नियंत्रण के लिए तकनीकी रूप से दक्ष पुलिस कर्मियों की कमी है। इसी कारण साइबर क्राइम के आरोपितों पर ठोस कार्रवाई संभव नहीं हो पा रही है, परंतु अब झांसी में मॉडल साइबर थाना स्थापित हो गया है, जहां परिक्षेत्र के सभी जनपदों के साइबर अपराध से जुड़े मामले दर्ज होंगे और अपराधियों को ट्रेस कर गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।
इस साल 15 सितंबर तक ऑनलाइन ठगी के 25 मामले जिले के विभिन्न थानों में दर्ज हुए हैं। रिकार्ड के अनुसार यह संख्या भी ज्यादा है, लेकिन ऑनलाइन ठगी के वास्तविक मामले बहुत ज्यादा हैं। सबसे ज्यादा ठगी ऑनलाइन शॉपिग के मामलों में हो रही है। सस्ती कार खरीदने के लालच में चले गए अस्सी हजार
रामनगर निवासी सत्यम सिंह ऐसी ही धोखाधड़ी का शिकार हुए उन्होंने उन्होंने एक शॉपिग साइट पर कम रेट में पुरानी कार बिकाऊ का विज्ञापन देखा था। जो नंबर उसमें दिया था उसने उस पर कॉल की तो यूपीआइ के माध्यम से 80 हजार रुपये भुगतान कर दिया। इसके बाद उसकी रकम भी चली गई और कार भी नहीं मिली। सत्यम ने बाद में थाने में शिकायत की, परंतु पुलिस ठगी करने वाले तक नहीं पहुंच पाई।
सोशल साइटों पर चरित्र हनन, भड़काऊ पोस्ट आदि के मामलों में साइबर सेल ठोस कार्रंवाई करती है। फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट के इस साल 30 मामले दर्ज हुए है। अधिकतर के फर्जी एकाउंट बंद कराए गए। ऑनलाइन ठगी के मामलों में भी करीब 30 लाख से अधिक की रकम वापसी में सफलता मिली है। झांसी में साइबर थाना स्थापित होने से साइबर क्राइम कंट्रोल में दक्ष पुलिस कर्मियों की समस्या खत्म हो गई है। वहां से साइबर सेल प्रभारी राहुल सिंह व एक कांस्टेबल को संबद्ध किया गया है।
- यशवीर सिंह, एसपी