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टीन व छप्पर के नीचे संचालित हो रहे इंटर कॉलेज

संवाद सहयोगी कालपी शिक्षाधिकारियों की अनदेखी के चलते बच्चे हाईटेक युग में भी छप्परों औ

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 11:49 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 06:15 AM (IST)
टीन व छप्पर के नीचे संचालित हो रहे इंटर कॉलेज
टीन व छप्पर के नीचे संचालित हो रहे इंटर कॉलेज

संवाद सहयोगी, कालपी : शिक्षाधिकारियों की अनदेखी के चलते बच्चे हाईटेक युग में भी छप्परों और टीनशेड के नीचे पढ़ाई करते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि स्पष्ट निर्देश हैं कि जहां भी बिना मान्यता के स्कूल चलते मिलें उन्हें तत्काल बंद करवाकर कानूनी कार्रवाई की जाए। विभाग में सेटिग होने के चलते बिना मान्यता के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को टीसी भी उपलब्ध कराई जा रही है। बीते वित्तीय वर्ष में शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी द्वारा टीम गठित कर छापेमारी की कार्रवाई की गई थी। बीएसए ने नगर मे चलने वाले गैर मान्यता प्राप्त व मान्यता से ऊंची कक्षाओं को संचालित करने वाले स्कूलों की सूची बनवाई, जिनमें से पांच विद्यालयों को सील किया गया था।

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शिक्षा सत्र शुरू होते ही माफिया सक्रिय नगर में कुछ विद्यालय प्राइमरी की मान्यता लेकर हाईस्कूल व इंटर की कक्षाएं चला रहे हैं । स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग में मजबूत पैठ व नजराना के चलते विभागीय अधिकारी इन विद्यालयों में झांकने तक नहीं जाते हैं। मोहल्ला आलमपुर में ठक्करबापा इटर कॉलेज के पीछे संचालित विद्यालय के पास कक्षा पांच तक की मान्यता है लेकिन बच्चे छप्पर व टीन शेड के नीचे पढ़ रहे हैं। ऐसे में उक्त स्कूल को मान्यता कैसे मिली इन स्कूलों में दक्ष शिक्षक तक नहीं हैं। -------------------------- ऐसे होता है खेल गैर मान्यता की कक्षाएं संचालित करने वाले विद्यालय मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं से कम फीस पर बच्चों का इनरोलमेंट करा देते हैं। बिना मान्यता वाले स्कूलों के बच्चों का पंजीकरण सरकारी तौर पर हो जाता है। दूसरी ओर कम छात्र संख्या वाले मान्यता प्राप्त विद्यालयों में छात्र संख्या का कोटा पूरा हो जाता है और बिना शिक्षण कार्य के मोटी रकम भी मिल जाती है। ----------------- जिम्मेदार बोले जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल ने बताया कि प्रत्येक तहसील व ब्लाक स्तर पर जिलाधिकारी ने टीम गठित कर दी है। जिसमें तहसीलदार, बीडीओ व माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग का एक-एक प्राचार्य व बीईओ को मिलाकर टीम बनाई गई है। यह टीमें नगर व ग्रामीण अंचलों में जाकर अमान्य विद्यालय व गैर पंजीकृत कोचिग सेंटरों के विरुद्ध अभियान चलाएंगी। जो भी पकड़ा जाएगा उसके विरुद्ध विधि संगत कार्यवाही की जाएगी।


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