खेत तालाबों में वर्षा जल संरक्षण की कवायद तेज
लाब योजना के तहत बड़े और छोटे दोनों तरह के तालाब
जागरण संवाददाता, उरई : बुंदेलखंड क्षेत्र पानी की कमी से जूझता रहा है। जल संरक्षण के पर्याप्त प्रबंध न होने की वजह से हमेशा यह समस्या बनी रही है। हालांकि अब इस परेशानी से निपटने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। तमाम योजनाओं के माध्यम से पानी की बचत करने की मुहिम को आगे बढ़ाया जा रहा है। खेत तालाब योजना के तहत जिले में 720 तालाब खोदे जाएंगे। जिससे किसानों के खेत का पानी खेत में ही रहे।
परंपरागत जल स्त्रोतों की उपेक्षा होने से पानी की अधिक दिक्कत बुंदेलखंड के लोग महसूस करते आ रहे हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए निजी संस्थाएं तो आगे आई ही हैं, सरकारी स्तर से भी कम प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। बरसात के पानी को रोकने के लिए बंधा बंधी, चेकडैम आदि का निर्माण कराया जाता है। जिससे किसानों को खेती के लिए पानी मिल सके और भूगर्भ जल स्तर को भी ऊंचा किया जा सके। इसी कवायद में खेत तालाब योजना को भी सरकार बढ़ावा दे रही है। जिससे कि किसानों के खेत का पानी खेत में ही बना रहे। किसान इस पानी का उपयोग कर सकें। इस योजना के तहत जिले को 720 तालाबों का लक्ष्य आवंटित किया गया है। इसमें किसानों का फायदा यह है कि पचास फीसद अनुदान की भी व्यवस्था शासन स्तर से की गई है। खेत तालाब योजना के तहत बड़े और छोटे दोनों तरह के तालाबों का लक्ष्य मिला है। किसानों को इससे काफी फायदा मिल सकता है। जल्दी ही लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसमें पचास फीसद तक अनुदान की व्यवस्था है। गरीब रोजगार अभियान के तहत मिले इस लक्ष्य को शतप्रतिशत पूरा किया जाएगा। प्रत्येक भूमि संरक्षण इकाई को 180 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- आरके तिवारी, उप निदेशक कृषि