दुष्कर्म पीड़िता के पिता की खुदकुशी मामले में इंस्पेक्टर और दारोगा निलंबित, जांच में सामने आई पुलिस की बर्बरता
उरई में दुष्कर्म पीड़िता के पिता द्वारा फांसी लगाकर खुदकुशी मामले में मंगलवार को प्रभारी निरीक्षक एवं हल्का प्रभारी को निलंबित कर दिया। दोनों के विभाग की शुरुआती जांच में गैर जिम्मेदाराना बर्ताव की बाते सामने आई हैं।
उरई, जागरण संवाददाता। एट थाना क्षेत्र के एक गांव में दुष्कर्म पीड़िता के पिता द्वारा फांसी लगाकर खुदकुशी किए जाने के मामले में मंगलवार को प्रभारी निरीक्षक एवं हल्का प्रभारी को निलंबित कर दिया। दोनों पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच का आदेश भी दिया गया है।
28 मार्च को 16 वर्षीय एक किशोरी के साथ जन्मदिन पार्टी के बहाने ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। पीड़ित किशोरी ने आरोपितों के चंगुल से छूटने के बाद स्वजन को आपबीती बताई, जिसके बाद से पिता बेटी के साथ दुष्कर्म के आरोपित मानवेंद्र अहिरवार व उसका सहयोग करने वाले मुनीम और उसकी पत्नी लक्ष्मी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए परेशान था।
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो उसने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की। इसके बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
आरोप है कि थाने में उसे ही अपमानित किया गया, जिससे आहत होकर उसने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। हालांकि, 1 दिन पहले पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध किशोरी के पिता की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया था।
सामने आई पुलिसकर्मी की करतूत
घटना की प्रारंभिक जांच में स्थानीय पुलिस का गैर जिम्मेदाराना बर्ताव सामने आया है, जिसके बाद मंगलवार को पुलिस अधीक्षक डॉक्टर युवराज राजा ने एट कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र प्रताप गौतम एवं हल्का प्रभारी उपनिरीक्षक अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके अलावा दोनों के विरुद्ध विभागीय जांच का आदेश दिया गया है।