खुद हेलमेट लगाने की अनिवार्यता पर अमल कर संदेश देगी खाकी
जागरण संवाददाता, उरई : सड़क हादसों में ग्राफ में कमी नहीं आ रही है। हालत यह है कि
जागरण संवाददाता, उरई : सड़क हादसों में ग्राफ में कमी नहीं आ रही है। हालत यह है कि बीते एक साल में जिले में सड़क हादसों में 215 लोगों को जान जा चुकी है। हादसे में मरने वालों में सर्वाधिक संख्या बाइक सवारों की है। हेलमेट नहीं लगाने पर सिर में चोट लगने की वजह से ज्यादातर युवकों की मौत हुई। यदि गाड़ी चलाते समय उन्होंने हेलमेट पहना होता तो शायद दुर्घटनाओं के आंकड़े इतने भयावह नहीं होते। मोटर वाहन अधिनियम के तहत बाइक चलाते वक्त हेलमेट पहनना जरूरी है, लेकिन नियम के पालन को लेकर लोग संजीदा नहीं है। पुलिस जब चे¨कग करती है तो कई बार तो बाइक सवार पुलिस कर्मियों से ही पूछने लगते हैं कि आप हेलमेट क्यों नहीं लिए हैं, लिहाजा इस तरह के सवालों से बचने के लिए पुलिस कर्मियों को भी आदेश दिया गया है कि वे बाइक से जा रहे हैं तो हेलमेट जरूर पहनें। इसका प्रभावी असर भी दिख रहा है।
प्रभारी निरीक्षक शिवगोपाल ¨सह वर्मा ने खासतौर से सरकारी कर्मचारियों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करते हुए सबसे पहले विकास भवन के गेट पर चे¨कग की। जो कर्मचारी बाइक से दफ्तर आ रहे थे यदि वे हेलमेट नहीं पहने थे तो उन्हें रोक कर उनसे हेलमेट न पहनने की वजह पूछी। इतना ही नहीं सरकारी कर्मचारियों का चालान भी कर दिया। कोतवाली में जितने भी निरीक्षक, उप निरीक्षक व सिपाही बाइक से आते हैं। उन्हें भी बिना हेलमेट पहने बाइक से न आने की नसीहत दी गई है। प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि पहले नियमों को अपने ऊपर लागू कर रहे हैं ताकि आम लोगों में इसका संदेश जाए। बाद में प्रभावी तरीके से अभियान चलाकर हेलमेट न पहनने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।