दवा के अभाव में खुद बीमार हो गए होम्योपैथी अस्पताल
संसू,रामपुरा : क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में खुले होम्योपैथी अस्पताल में पांच साल से कोई दवा की
संसू,रामपुरा : क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में खुले होम्योपैथी अस्पताल में पांच साल से कोई दवा की सप्लाई नहीं हुई है। जिसके चलते होम्योपैथी चिकित्सा पर सवालिया निशान लग रहे हैं। दवा के अभाव में मरीज वापस लौट रहे हैं। वहीं तैनात चिकित्सकों का कहना है कि दवा की सप्लाई न आने से दवा नहीं दी जा रही है।
बताते चलें कि लोगों को आयुर्वेदिक, होम्योपैथी एवं एलोपैथी इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने जगह जगह अस्पताल खोलकर लोगों को राहत देने की पूरी कोशिश की है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते क्षेत्र की खासतौर पर होम्योपैथी चिकित्सा की सुविधा चारों खाने चित्त हो गई है। इसीलिए लोगों का धीरे धीरे इस चिकित्सा सुविधा से मोह भंग होने लगा है। हालांकि काफी संख्या में विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित रोगियों को होम्योपैथी चिकित्सा पर अटूट विश्वास है। ऐसे लोग आज भी होम्योपैथी चिकित्सा पर आधारित है लेकिन दवाओं के अभाव के चलते अब उनका भी मोहभंग होने लगा है।
ज्ञात हो कि रामपुरा के सरकारी अस्पताल में आयुष संविदा कर्मी के रूप में डा. अरुण जादौन तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जगम्मनपुर में आयुष डा. सचिन आर्य की तैनाती है। इनके अलावा नावर, ऊमरी, निनावली में भी होम्योपैथी अस्पताल खुले हैं। मगर जो अस्पताल से संबद्ध हैं उनको वर्ष 2014 से आज तक कोई दवा की सप्लाई नहीं की गई है।जबकि सरकार द्वारा बजट जारी किया जाता है। फिर इन जगहों पर आने वाली दवा कहां जा रही है यह सोचनीय विषय है।
रोगी कलावती, हंसराज आदि कहते हैं कि हम लोगों को सिर्फ होम्योपैथी इलाज पर ही भरोसा है लेकिन दवाओं के अभाव के चलते दवा नहीं मिल पाती है। क्षेत्रीय लोगों ने मांग की है कि होम्योपैथी दवा भेजी जाए।
बोले जिम्मेदार
इस संबंध में प्रभारी सीएचसी रामपुरा डा. समीर प्रधान का कहना है कि वर्ष 2014 से होम्योपैथी दवा की सप्लाई नहीं आई है। जबकि कई बार डिमांड भेजी जा चुकी है। पुन: पत्र के माध्यम से होम्योपैथी दवा की सप्लाई हेतु डिमांड भेजेंगे।