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खेत में जानवर घुसने पर दो पक्षों में हुई मारपीट

संवाद सूत्र कदौरा थाना क्षेत्र के ग्राम मवई अहीर में बुधवार को खेतों में जानवर घुसने पर

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 11:53 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 11:53 PM (IST)
खेत में जानवर घुसने पर दो पक्षों में हुई मारपीट
खेत में जानवर घुसने पर दो पक्षों में हुई मारपीट

संवाद सूत्र, कदौरा :

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थाना क्षेत्र के ग्राम मवई अहीर में बुधवार को खेतों में जानवर घुसने पर दो पक्षों में विवाद हो गया। मामला बढ़ने पर दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हो गई। पुलिस ने दोनों पक्षों को मेडिकल कराकर मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है।

ग्राम मवई अहीर निवासी छक्कूसिंह व उसकी पत्नी छिद्दन व उसके पुत्र राजू व राजा भैया अपने खेतों की रखवाली कर रहे थे। तभी आवारा मवेशी आ गए तो उन लोगों ने मवेशी हांक दिए। जो शिवकुमार के खेत में घुस गए जिससे शिवकुमार आग बबूला हो गया। देखते ही देखते दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। इतने में ही किसी ने सूचना घर पर कर दी तो शिवकुमार के पुत्र प्रेमदास, रामू और उसकी पत्नी बबिता भी वहां आ गई। दोनों पक्षों में जमकर मारपीट होने लगी। यह मंजर देख कुछ ग्रामीणों ने पहुंचकर बीच बचाव किया। उसके बाद दोनों पक्ष थाने पहुंचकर तहरीर दी है। पुलिस ने घायलों का मेडिकल करवाया है। थाना प्रभारी रविद्रनाथ का कहना है कि दोनों पक्ष बुरी तरह से घायल थे। इसलिए दोनों पक्षों का मेडिकल करवाया गया है। दोनों पक्षों की तरफ से चार लोगों के खिलाफ एनसीआर दर्ज कर जांच की जा रही है। यज्ञशाला तोड़ने पर हिदू जागरण मंच ने जताई नाराजगी संवाद सहयोगी, कालपी : पातालेश्वर मंदिर के समीप यज्ञशाला को पुरातत्व विभाग द्वारा तोड़ने का आरोप हिदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने लगाया। मौके पर पहुंच पुलिस ने जांच पड़ताल की।

हिदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष नीलाभ शुक्ला को सूचना मिली कि नगर के प्राचीन पातालेश्वर मंदिर के पास ही में एक यज्ञ शाला है। जिसको पुरातत्व विभाग के द्वारा तोड़ दिया गया है। जिस पर हिदू जागरण मंच और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और स्थानीय प्रशासन को मामले की सूचना दी। जब काफी देर तक कोई नहीं पहुंचा तो हिदू जागरण मंच युवा वाहिनी के प्रांतीय अध्यक्ष पीयूष रंजन जी को मामले की सूचना दी गई। उन्होंने एसपी को मामले के विषय में बताया। जिसके बाद प्रशासन मौके पर पहुंचा। इस पर पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों ने अपनी गलती स्वीकार की और पुन: निर्माण कार्य कराने का लिखित रूप से आश्वासन दिया।


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