पानी बिन दरकने लगे अन्नदाताओं के खेत, सूख गईं फसलें
संवाद सहयोगी, कोंच : पर्याप्त बारिश नहीं होने से खेत दरक गए हैं। किसानों की मेहनत और लगन
संवाद सहयोगी, कोंच : पर्याप्त बारिश नहीं होने से खेत दरक गए हैं। किसानों की मेहनत और लगन सूखे की भेंट चढ़ रही है। खरीफ की फसल तो पूरी तरह बर्बाद हो गई। आने वाली रबी की फसल पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सबसे दयनीय स्थिति बीहड़ में बसे हजारों उन किसानों की है जिनकी भूमि जंगल के बीच बीहड़ पट्टी में स्थित है। यहां के किसान केवल बरसात पर ही निर्भर रहते हैं। बारिश न होने से उनकी फसलें सूख चुकी हैं।
नदीगांव विकास खंड के बीहड़ पट्टी के गांव सलैया, ककरौली, महेशपुरा, डाग खजुरी आदि कई गांवों में ऐसे हजारों की संख्या में गरीब किसान हैं जिन्हें सरकार ने भूमिहीन होने पर बीहड़ में पड़ी सरकारी भूमि के पट्टे करके किसान होने का प्रमाण तो दे दिया लेकिन न तो उनकी जमीनों का समतलीकरण कराया और न ही जमीनों की ¨सचाई हेतु पानी की व्यवस्था कराई गई है। सैकड़ों एकड़ के क्षेत्र में फैली बीहड़ पट्टी में खेती कर रहे किसान केवल बारिश के पानी पर ही निर्भर हैं। इस बार पानी नहीं बरसने के कारण बीहड़ के हजारों किसानों की फसलें सूख चुकी हैं और उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है। ग्राम सलैया खुर्द निवासी किसान बृजगोपाल वर्मा एवं राजेन्द्र ¨सह बताते हैं कि सरकार ने पट्टे काटकर जमीनें तो दे दीं लेकिन सिचाई की व्यवस्था नहीं की बरसात होने पर खेती हो पाती है। जिससें दो वक्त की रोटी मिल जाती है। परंतु इस वर्ष बरसात न होने से चारों ओर सूखा पड़ा है अब तो भगवान का ही सहारा बचा है।