बारिश के बाद खिले किसानों के चेहरे
जागरण संवाददाता, उरई : शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्क
जागरण संवाददाता, उरई : शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। कड़ी मेहनत के बाद खेतों में बोई गई फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। बारिश ने उनको संजीवनी दे दी है। इधर, बारिश से गर्मी से बेहाल लोगों ने भी राहत ली है। महेबा, सिरसा कलार, जालौन व रामपुरा आदि इलाकों में बारिश होते ही किसानों के चेहरे खिल गए और अच्छी पैदावार की उम्मीद जगी है।
रामपुरा संवाद सूत्र के मुताबिक पिछले तीन चार दिनों से लगातार पड़ रही गर्मी से तो लोग बेहाल थे ही लेकिन किसानों द्वारा अपने अपने खेतों में बोई गई बाजरा, कुम्हेड़ा, अरहर, मूंग तथा उड़द आदि सहित खरीफ की फसलें सूखने की कगार पर पहुंच गई थीं। किसानों को बड़ी ¨चता सताने लगी थी। किसान निजी व सरकारी नलकूपों के सहारे अपनी ¨सचाई करवाने की जुगत में लग गए थे। शुक्रवार को अचानक बरसात होते ही जहां लोगों ने गर्मी से राहत ली है वहीं किसानों के चेहरों पर जो ¨चता की लकीरें थीं, वह दूर हो गई और उनके चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई। किसान राजकुमार ¨सह, बालकराम, कीरत ¨सह, बृजेंद्र ¨सह, शानू ने बताया कि कई दिनों से बारिश नहीं हुई थी जिससे बोई गई फसलें सूखने लगी थीं। किसानों को नुकसान का अंदेशा हो गया था। इसके साथ ही किसान नलकूपों से पानी लगा रहे थे। बारिश हो जाने के बाद फसल फिर से जीवित हो गई है और इस बार अच्छी पैदावार होने के आसार बढ़ गए हैं।
सिरसा कलार संवाद सूत्र के मुताबिक कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि खरीफ में करीब तीन दिन फसल को बारिश का पानी मिलना अनिवार्य है। क्षेत्र के दमरास, गहपुरा, जहटौली, छानी, ऊद, दौनापुर, सिरसा कलार आदि गांव के किसानों ने बताया बारिश के रूप में संजीवनी खेतों को मिल गई है। बारिश होने से खेतों में खरीफ के साथ साथ रबी की फसल के लिए पलेवा नहीं करना पड़ेगा।