योजनाओं के लंबित ऋण आवेदनों पर डीएम ने जताई नाराजगी
जागरण संवाददाता उरई विकास भवन सभागार में शुक्रवार को हुई बैठक में जिलाधिकारी डॉ
जागरण संवाददाता, उरई : विकास भवन सभागार में शुक्रवार को हुई बैठक में जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना व एक जनपद एक उत्पाद सहायता योजना की प्रगति की समीक्षा की। बैंकों द्वारा बरती जा रही शिथिलता पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी।
बैठक में उपायुक्त उद्योग योगेश कामेश्वर द्वारा स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में कुल 148 आवेदन पत्र बैंकों को प्रेषित किये गए। जिसमें से मात्र 28 आवेदन पत्र बैंकों द्वारा स्वीकृत किये गए है। 34 आवेदन पत्र निरस्त व 86 आवेदन पत्र बैंकों में लंबित है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में कुल 260 प्रेषित आवेदन पत्रों के सापेक्ष 40 आवेदन पत्र स्वीकृत तथा 151 निरस्त व 86 आवेदन पत्र बैंक स्तर पर लंबित है। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी के संज्ञान मे लाया गया कि अधिकांश आवेदन पत्र भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन (इलाहाबाद) बैंक तथा बैंक आफ बड़ौदा की बैंक शाखाओं द्वारा या तो निरस्त कर दिये गये हैं या अभी तक उनके बैंक में ही लंबित हैं। जिलाधिकारी ने बैंकों द्वारा निरस्त किए गए। आवेदन पत्रों के कारणों पर विस्तार से जानकारी ली। जिसमें पाया गया कि आधारहीन कारणों पर ही आवेदन पत्रों को निरस्त कर दिया गया। बैंक अधिकारियों से डीएम ने बात की और कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में बैंक अधिकारियों ने कोई रुचि नहीं ली। डीएम ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि ऐसे तो युवाओं को स्वरोजगार योजनाओं का लाभ देने की मंशा धरी रह जाएगी। बिना वाजिब कारण के ऋण आवेदन निरस्त नहीं किए जाएं। इस मौके पर डीडीएम नाबार्ड प्रकाश कुमार, लीड बैंक प्रबंधक अनुपम गुप्ता सहित कई बैंकों के अधिकारी मौजूद रहे।