सफाई के बाद करतीं कूड़े का निस्तारण
मिथला देवी की उम्र 63 वर्ष की हो गई है। अब से दस
जागरण संवाददाता, उरई : मोहल्ला नया पटेल नगर की एक गली में भोर से ही हलचल होने लगती है। पड़ोसी जान जाते है कि मिथला देवी सफाई में जुट गई हैं। अब उनको भी उठ जाना चाहिए। उनका यह नियम बीते कई वर्षों से चला आ रहा है। उन्हें इस बात से मतलब नहीं है कि दरवाजा किसका है, सिर्फ कूड़ा नहीं नजर आना चाहिए। झाड़ू लगाने के बाद वह कूड़े को एक जगह एकत्रित कर लेती हैं। इसके बाद नगरपालिका की गाड़ी आने का इंतजार करती हैं। कूड़े को अपने सामने ही गाड़ी में भरवा देती हैं। इससे उनकी गली हमेशा साफ दिखाई देती है।
मिथला देवी की उम्र 63 वर्ष है। अब से दस वर्ष पहले की बात है, वह अक्सर देखती थीं कि गली में पॉलीथिन व कूड़ा पड़ा रहता है। लोग उसी गंदगी से होकर निकल जाते हैं लेकिन कूड़ा हटाने की जहमत नही उठाते। उन्होंने संकल्प ले लिया कि अब मोहल्ले में गंदगी नहीं रहने देंगे। इसके बाद नियम बना लिया कि सुबह जल्दी उठकर पहले दरवाजा साफ किया, उसके बाद जहां भी गंदगी देखी वहां झाड़ू लेकर पहुंच गई। उनको इस बात से भी कोई मतलब नहीं है कि घर दरवाजा किसका है। उनके इस प्रयास को देखकर गली मोहल्ले के कुछ अन्य लोग भी अब सुबह से झाड़ू लेकर सफाई में जुट जाते हैं। मोहल्ले में सफाई की अलख मिथला देवी ने जगा दी। इतना ही नहीं, कूड़े को एक स्थान पर एकत्रित करने के बाद नगरपालिका की गाड़ी आने का इंतजार करती हैं। गाड़ी आते ही कूड़ा उसमें डाल दिया। उनका कहना है कि कूड़ा पड़ा रहेगा तो हवा के सहारे फिर गली भर में फैलेगा। इससे अच्छा है कि इसका बेहतर ढंग से निस्तारित हो जाए।
मिथला का कहना है कि स्वच्छता रखने से बीमारियां नहीं फैलती हैं। सभी को अपने घर के सामने साफ सफाई रखनी चाहिए। अगर हर कोई स्वच्छता को लेकर जागरूक हो जाए तो कहीं भी गंदगी नहीं रहेगी। लोग आलस्य की वजह से देर तक पड़े रहते हैं। वह मानती हैं कि पहले की अपेक्षा अब स्वच्छता के प्रति लोगों का नजरिया बदला है। लोग जागरूक हो रहे हैं। घंटी अलार्म की जरूरत नहीं
मिथला देवी को उठने के लिए किसी घंटी या अलार्म की जरूरत नहीं पड़ती है। सुबह चार बजे अपने आप नींद खुल जाती है। नित्य क्रिया से निवृत्त होने के बाद वह सफाई के काम में लग जाती हैं।