ठेकेदार व लेखपाल तक के खिलाफ हो चुकी शिकायत
जागरण संवाददाता, उरई : जिले में अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए खनिज विभाग कितना संवेदनशील र
जागरण संवाददाता, उरई : जिले में अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए खनिज विभाग कितना संवेदनशील रहा, इसकी बानगी इससे पता चलती है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी अधिकारी कान में तेल डालकर बैठे रहते थे। नतीजा, शिकायत करने वाले आतंक का शिकार होते थे। उनके खेतों को रौंदते हुए ओवरलोडेड वाहन गुजरते थे और उनकी सुनवाई कहीं नहीं होती थी।
बंधौली गांव के लोगों ने पहले तो प्रशासनिक अधिकारियों के यहां गुहार लगाई और बाद में सुनवाई होते न देख मुख्यमंत्री के यहां तक गुहार लगाई। मुख्यमंत्री के यहां भेजे पत्र में कहा गया था कि उन लोगों को बीस वर्ष पूर्व कृषि के लिए जो पट्टा दिया गया था, उसे लेखपाल रमेश गुप्ता ने ठेकेदार सोनू और मोनू व रमेश गुप्ता से मिलकर पट्टा भूमि के नक्शा में हेरफेर कर दूसरी जगह बताया गया। बाद में खनन ठेकेदार व अन्य बालू माफिया बंदूक की नोक पर उनकी पट्टा भूमि की फसल को मौरंग लदे ट्रकों व डंपर से बर्बाद करने लगे। विरोध करने पर असलहों के बल पर धमकाया जाने लगा। दबंगई के चलते वह लोग अपनी फसल की रखवाली तक नहीं कर सकते। गांव के मुन्ना, स्वामीदीन, जगतराज, अमरचन्द्र समेत कई ग्रामीणों की शिकायत सीएम के यहां तो पहुंच गई, पर स्थानीय स्तर पर जिम्मेदारों के कदम नहीं उठे।
सनद रहे की शासन तक शिकायत पहुंचने के बाद खनन निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने कई घाटों पर औचक छापेमारी की थी। जिसके बाद दो पट्टों को ब्लैक लिस्टेड किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही खनिज अधिकारी से स्पष्टीकरण के साथ सर्वेयर को निलंबित कर दिया था। सूत्र बताते हैं कि जांच की जद में जल्द कई अन्य भी आ सकते हैं।