'विघ्नहर्ता' बुझा रहे गरीबों के पेट की आग
शैलेंद्र शर्मा उरई विघ्नहर्ता गणेश जी की प्रतिमाओं और चित्रों को तूलिका से जीवंत स्वरूप देन
शैलेंद्र शर्मा, उरई
विघ्नहर्ता गणेश जी की प्रतिमाओं और चित्रों को तूलिका से जीवंत स्वरूप देने वाले रोहित उर्फ विनायक इन दिनों गरीबों के लिए विघ्नहर्ता बने हैं। भूख से बिलखते लोगों की तड़प देखी नहीं गई तो उन्होंने 10 साथियों की टीम बनाई और जुट गए गरीबों के पेट की आग शांत करने में। लॉकडाउन लागगू होने के बाद अब तक वह एक हजार गरीबों के घर राशन पहुंचा चुके हैं ताकि किसी के घर में चूल्हा ठंडा न रहे।
रोहित बताते हैं कि घरों में रहने की पाबंदी में कई ऐसे चेहरे जेहन में आ गए, जो रोज कुआं खोदने और पानी पीने वाले थे। दोस्तों से बात की और उन पूर्व परिचितों से फोन पर मदद मांगी, जो सक्षम थे। सुदामा दीक्षित, प्रतीक अग्रवाल, मोहित गर्ग, अंशुल गुप्ता जैसे लोगों ने पहले ही दिन 80 हजार रुपये नकद की मदद की। साथियों की टोली के साथ तुरंत राशन खरीदा और जुट गए मदद में। दलित बस्ती लहरियापुरवा से शुरुआत की। पहले दिन 500 परिवारों तक पैकेट पहुंचाए। उस दिन यह भी अहसास हुआ कि कुछ गैर जरूरत वालों ने भी दूसरों का हक ले लिया। उसके बाद से दिन में सर्वे, दोपहर राशन खरीद फिर पैकेट बनाना और शाम होते ही दोपहिया वाहनों पर टोली बनाकर ऐसे घरों में पहुंचाने का क्रम जारी है। अब तो सरकारी अफसर भी उन्हें बताते हैं कि किस मोहल्ले में जाकर गरीबों की मदद कर सकते हैं। राशन कार्ड वालों की मदद बंद
रोहित बताते हैं कि अब कार्डधारकों को राशन मिलने लगा है, इसलिए ऐसे लोगों के नाम सूची से हटा दिए। दिव्यांग, बेसहारा और मजदूर वर्ग की मदद पर ही फोकस है। मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने दी पॉकेट मनी
रोहित ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने अपनी पॉकेट मनी से 40 हजार रुपये दिए। ऐसे लोग जुड़ते गए तो हौसला बढ़ता गया। उड़ान शिक्षा समिति ने भी खुले दिन से मदद की। अब गरीबों की मदद ही एक मात्र लक्ष्य है। यह है टीम
रोहित त्रिपाठी, दीपक राजपूत, अंकित गुप्ता, अंकित निरंजन, हिमांशु बुधौलिया, तरुण वैद्य, निखिल मोदी, शुभम अग्रवाल व प्रदीप वर्मा।