चिटफंड कंपनी ने निवेशकों के ढाई करोड़ रुपये हड़पे
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संवाद सूत्र, आटा : कम समय में रकम दो गुना करने का लालच देकर चिटफंड कंपनी के अधिकारियों ने छह निवेशकों के ढाई करोड़ रुपये जमा कर लिए और जब रकम वापसी का समय आया तो कंपनी बंद कर उसके अधिकारी व कर्मचारी भाग गए। धोखाधड़ी का शिकार निवेशकों ने बाद में चिट फंड कंपनी के एमडी समेत छह लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने में तहरीर दी, परंतु पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। उन लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी।
ग्राम अकबरपुर इटौरा निवासी मोहर सिंह के अनुसार उरई में संचालित चिट फंड कंपनी ने लुभावनी पॉलिसी शुरू की थीं। जिनमें बेहद कम समय में रकम दो गुना हो रही थी। लालच में आकर उसने व उसके रिश्तेदारों ने निवेश कर दिया, वर्ष 2012 में उसने निवेश किया था, लेकिन जब रकम वापसी का समय आया तो कंपनी भाग गई। साथ ही उसकी जिदगी भर की कमाई भी कंपनी ठग ले गई। मोहर सिंह ने अब कंपनी के एमडी राजस्थान के भीलवाड़ा के आजाद नगर निवासी राजेन्द्र शर्मा, प्रवीण कुमार, राजस्थान के भीलवाड़ा के आजाद नगर निवासी दिनेश कुमार,उरई कोतवाली के रामनगर निवासी कृष्ण गोपाल कुशवाहा, झांसी निवासी जितेंद्र सिंह कुशवाहा व तुलसीनगर निवासी अभय दुबे के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। ढाई करोड़ रुपये कुल छह लोगों से ठगे गए हैं।
मुकदमा दर्ज कराने के लिए दो साल हुए परेशान
उरई : मोहर सिंह के अनुसार दो साल पहले उसने थाने में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस दौरान कई बार उसने पुलिस के अलावा अधिकारियों से मिलकर प्रार्थना पत्र दिया, परेशान होकर उसे कोर्ट जाना पड़ा। इसके बाद अब मुकदमा दर्ज कराने में सफलता मिली है।
चालीस करोड़ की धोखाधड़ी का अनुमान
उरई : चिट फंड कपनी ने वर्ष 2010 में अपनी शाखा खोली थी, लुभावनी पॉलिसी बेचकर करीब करीब डेढ़ सौ लोगों से निवेश कराया। अनुमान है कि कंपनी ने करीब चालीस करोड़ रुपये की ठगी, उरई की शाखा से ही की है। प्रभारी निरीक्षक सुधाकर मिश्रा ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।