खतरे के निशान के करीब बेतवा, दहशत में ग्रामीण
संवाद सहयोगी जालौन स्वतंत्रता दिवस की 72वीं वर्षगांठ नगर व ग्रामीण क्षेत्र में हर्ष उल्लास तथा पारम्परिक ढंग से राष्ट्रीय भावना से मनाया गया। इस मौके पर ध्वजारोहण किया गया तथा पौधारोपण कर राष्ट्रीय पर्व को मनाया गया।
संवाद सूत्र, कोटरा/डकोर (उरई) : जिले में बेतवा नदी उफान पर है। माताटीला और राजघाट बांध से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद एकाएक जलस्तर तेजी से बढ़ गया। गुरुवार रात से बढ़ रहे जलस्तर से बेतवा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। तेज बहाव में दर्जनों मवेशी बह गए। सैकड़ों एकड़ फसल भी जलमग्न हो गई। लगातार पानी बढ़ने से नदी किनारे बसे गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। जिलाधिकारी ने हाई अलर्ट घोषित कर कर दिया है। एसडीएम और लेखपालों को निर्देश दिया है कि प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जाए।
बेतवा के बढ़ते जलस्तर को देख कोटरा व डकोर इलाके के उन ग्रामीणों में खलबली मच गई है जिनके गांव नदी के आसपास बसे हैं। ग्रामीणों ने भी सुरक्षित स्थानों की ओर रुख शुरू कर दिया है। पानी बहने से उरई-कोटरा-गुरसराय मार्ग पर आवागमन ठप हो गया। मध्य प्रदेश में हो रही बारिश से माताटीला और राजघाट बांध पानी से लबालब हो गए। इसके बाद गुरुवार रात व शुक्रवार सुबह पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बेतवा प्रखंड के अभियंता हीरा सिंह ने बताया कि नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अभी राजघाट बांध से लगभग पांच लाख पानी और छोड़े जाने का अनुमान है। इससे नदी के जल स्तर में और वृद्धि होगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया है। बेतवा नदी के खतरे का निशान 122.65 मीटर है और वर्तमान में नदी का जलस्तर 121.500 मीटर पहुंच गया है।