बदहाल बेसिक शिक्षा : स्कूलों में नहीं अध्यापक, कैसे पढ़ें बच्चे
संवाद सहयोगी, जालौन : सरकार के प्रयासों के बाद भी नगर की बेसिक शिक्षा में सुधार नहीं हो र
संवाद सहयोगी, जालौन : सरकार के प्रयासों के बाद भी नगर की बेसिक शिक्षा में सुधार नहीं हो रहा है। अध्यापकों की कमी के कारण नगर में संचालित बेसिक शिक्षा विभाग के 5 विद्यालय लगभग बंद से हैं तथा उनमें पढ़ने वाले 149 बच्चों को पढ़ाने की अस्थाई व्यवस्था महीनों से चल रही है। एक अध्यापक के सहारे खोले जा रहे विद्यालयों में पढ़ाई के नाम पर खानापूरी की जा रही है।
प्राइमरी पाठशाला बापूसाहब में 42 बच्चे पंजीकृत है ¨कतु इस विद्यालय में एक भी अध्यापक नहीं है। इस कारण विद्यालय के संचालन के लिए मुरली मनोहर प्राइमरी पाठशाला में कार्यरत शिक्षामित्र लोकेश पांडेय की ड्यूटी लगाई गई है। एक शिक्षामित्र के सहारे 42 बच्चों की कक्षा एक से लेकर पांच तक की पढ़ाई छोड़ी गई है। इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि बच्चों की पढ़ाई कैसी होगी। कन्या प्राथमिक विद्यालय गणेशजी में अध्यापक न होने से यहां पर पंजीकृत 36 छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। इन छात्राओं को पढ़ाने के लिए प्राइमरी पाठशाला प्रतापपुरा की अध्यापक हसीन खातून की ड्यूटी लगाई गई है। नवीन सीनियर विद्यालय बालममभट्ट में अध्ययनरत 26 बच्चों, पूर्व माध्यमिक विद्यालय गणेशजी के 20 तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुरानीहाट के 25 बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय में महीनों से अध्यापक नहीं है। इन विद्यालय को खोलने के लिए क्रमश: सुनीता वर्मा (शिक्षामित्र), वंदना गुप्ता (सहायक अध्यापक), नितेंद्र ¨सह (शिक्षामित्र) की नियुक्ति करके विद्यालयों के ताले तो खुल गए ¨कतु पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। शिक्षा सत्र को प्रारंभ हुए पांच माह बीतने को हैं इसके बाद भी विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके इतर पूर्व माध्यमिक विद्यालय जालौन में आधा दर्जन शिक्षक महीनों से पदस्थ है इसके बाद भी यहां से किसी अध्यापक का स्थानांतरण बंद विद्यालयों में नहीं किया गया है। बोले जिम्मेदार
इस संदर्भ में बीएसए से बात की जाएगी तथा इस समस्या का समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा।
महेश शर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी