युद्ध के बाद मेधनाथ व रावण का हुआ वध
संवाद सहयोगी कोंच अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व विजय दशमी दशहरा का मेला सोमवार को धनुताल
संवाद सहयोगी, कोंच : अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व विजय दशमी दशहरा का मेला सोमवार को धनुताल के मैदान पर संपन्न हुआ।
नगर की प्राचीन रामलीला की सबसे बड़ी मैदानी लीला राम रावण युद्ध धनुताल के मैदान पर संपन्न हुई। 167 वर्षों से होती आ रही इस लीला में पहली बार केरोना के कारण ऐसा हुआ की रावण, मेघनाद के विशालकाय पुतलों के स्थान पर छोटे छोटे 5 फुट के पुतले बनाये गए। उन्हें हाथ ठिलिया पर रखकर मैदान में दौड़ाया गया। राम, लक्ष्मण रथ पर सवार हुए बाद में रावण और उसका पुत्र मेघनाद मारा गया। सीता और राम का मिलन हुआ रावण दहन के बाद सभी ने एक दूसरे को दशहरा की बधाई देकर पान खिलाया। रामलीला की इस मैदानी लीला को देखने के लिए भारी भीड़ वहां पहुंची और लीला का आनन्द लिया। सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात था।