पांच की मौत के बाद तीन गांवों में मातम का मंजर
जागरण संवाददाता उरई हमीरपुर जनपद में सुमेरपुर के पास ट्रक व स्कार्पियो की भिड़ंत म
जागरण संवाददाता, उरई :
हमीरपुर जनपद में सुमेरपुर के पास ट्रक व स्कार्पियो की भिड़ंत में दोहरे समाज के जिलाध्यक्ष व उनकी पत्नी समेत पांच लोगों की मौत हो गई। हमीरपुर में पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार की शाम मृतकों के शव उनके गांव पहुंचे। दोहरे समाज के जिलाध्यक्ष चंद्रेश कुमार दोहरे व उनकी पत्नी का शव अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव लालपुरा ले जाए गए। उरई के मकान में ताला पड़ा था। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग भी पहुंचे। एक साथ दो चिताएं चलती देख लोगों का कलेजा कांप उठा। स्वजन का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था।
चंद्रेश कुमार दोहरे पत्नी पत्नी मीना व एकलौती बेटी खुशी के साथ उरई के मोहल्ला राजेंद्र नगर में करीब 13 साल से मकान बनवा कर रह रहे थे। चंद्रेश सिचाई विभाग में ठेकेदारी करते थे। मिलनसार स्वभाव होने के चलते अक्टूबर माह में ही चंद्रेश को दोहरे समाज का जिलाध्यक्ष बनाया गया था। चंद्रेश दोहरे व उनकी पत्नी मीना के शव मंगलवार की शाम साढ़े पांच बजे के आसपास लालपुर गांव पहुंचे। उसके बाद शवों का अंतिम संस्कार हुआ। अंतिम यात्रा शामिल हर शख्स की आंखें नम थीं। चंद्रेश और उनकी पत्नी मीना के शव को उनके भतीजे राजू ने मुखाग्नि दी।
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रह रह कर बेसुध हो जाता है बड़ा भाई
चंद्रेश दोहरे के बड़े भाई पप्पू गांव के पूर्व प्रधान है। चंद्रेश के माता पिता का निधन काफी पहले हो चुका है। बड़े भाई पप्पू ही उसे बेटे की तरह चाहते थे। पप्पू के लिए इससे बड़ा दुख और क्या हो सकता है कि भाई और बहू की चिता उसके आंखों के सामने जल रहीं थी। रह रह कर पप्पू उस घड़ी को कोस रहा था जब शादी में शामिल होने के लिए चंद्रेश पत्नी व बेटी के साथ हमीरपुर के लिए निकला था।
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जिदगी व मौत के बीच
संघर्ष कर रही बेटी
हमीरपुर में हुए हादसे में दोहरे समाज के जिलाध्यक्ष चंद्रेश दोहरे एवं उनकी पत्नी समेत पांच लोगों की मौत हो गई, हादसे में चंद्रेश की इकलौती बेटी खुशी भी गंभीर रूप से घायल हुई है। उसे कानपुर रेफर किया गया है। वह जिदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रही है।
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जलालपुर व महापौली
में भी मातम का मंजर
हमीरपुर में ट्रक व स्कार्पियो की भिड़ंत में मृत हुए पांच लोगों में अवध नारायण की 50 वर्षीय पत्नी गोविदश्री एवं 16 वर्षीय भतीजी मोनिका महापौली गांव की थीं। उनके शव शाम को महापौली ले जाए गए। घटना की वजह से पूरे में मातम का माहौल था। शवों से लिपटकर उनके स्वजन बुरी तरह से रो रहे थे। उन्हें संभालने की कोशिश करने वाले भी अपनी आंखों में आंसू नहीं रोक पा रहे थे। इस तरह के हादसे की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। कुठौंद थाना क्षेत्र के जलालपुरा गांव निवासी संजीव दोहरे की 40 वर्षीय पत्नी चंद्रकली का शव भी शाम को एंबुलेंस से गांव पहुंचा। इसके बाद पूरे गांव में जैसे मातमी चीखें गूंजने लगी। बुरी तरह से रोते बिलखते स्वजन की हालत देखते नहीं बन रही थी।
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बड़ी संख्या में लालपुरा पहुंचे लोग
दोहरे समाज के जिलाध्यक्ष चंद्रेश दोहरे पर उनकी पत्नी की मौत को लेकर पूर्व मंत्री चैनसुख भारती, कमल दोहरे, चितामन दोहरे ब्लाक, अशोक दोहरे समेत तमाम लोग अंतिम संस्कार में पहुंचे और स्वजन को सांत्वना दी।