मंडल में खोजे 420 अनाथ बच्चे, 297 को मिली अनुदान राशि
जागरण संवाददाता उरई मंडल में 420 अनाथ बच्चे अब तक खोजे गए हैं। जिसमें से 297 बच्चे को अनुद
जागरण संवाददाता, उरई : मंडल में 420 अनाथ बच्चे अब तक खोजे गए हैं। जिसमें से 297 बच्चे को अनुदान राशि मिल चुकी है। कोविड से अनाथ बच्चों की मदद लिए संचालित मुख्यमंत्री बाल योजना के अंतर्गत मिलने वाली मदद से अपनों के खोने के गम को तो दूर नहीं किया जा सकता। लेकिन बच्ची के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए यह एक अच्छी पहल जरूर है।
योजना ने बच्चों में यह भाव जरूर उत्पन्न किया है कि इस वैश्विक महामारी में हम अकेले नहीं है। यह कहना है मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थी बच्ची के मामा का, अपने पिता को पहले ही खो चुकी बच्ची ने कोविड काल में अपनी मां को भी खो दिया। ऐसे ही जनपद निवासी मोहन और सीता (बदला हुआ नाम) ने कोविड के समय पिता को खो दिया, परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी पिता पर थी, उनके जाने के बाद मां को होश ही नहीं रहता और आए दिन बीमार रहती है। ऐसे में योजना से आर्थिक मदद ने बड़ा सहारा दिया है। ऐसे कई उदाहरण आसपास मिल जाएंगे। कोविड काल में अपने माता-पिता दोनों या किसी एक को खोने वाले बच्चों को खोजने की कड़ी में मंडल में 420 अनाथ बच्चों को खोजा गया है। इसमें 311 बच्चों की प्रोफाइलिग भी की जा चुकी है और 297 बच्चों के खातों में पैसा भेजा जा चुका है।
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यहां पर इतने खोज जा चुके बच्चे जिला - लाभार्थी
झांसी, 237
ललितपुर, 198
जालौन, 45
कुल बच्चों की संख्या 420
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योजना की पात्रता- शून्य से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे जो कि उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हो
- माता-पिता व माता या पिता वैध अभिभावक आय अर्जित करने वाले अभिभावक की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण के कारण एक मार्च, 2020 के बाद हो गई हो
- जिनके परिवार की आय तीन लाख से कम हो
- योजना में देय लाभ
- बाल देख-रेख संस्थाओं में आवास
- शून्य से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल को 4000 रुपये प्रतिमाह
- कस्तूरबा गांधी बालिका व अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेश
- बालिकाओं को विवाह के लिए एक लाख एक हजार रुपये
- उच्चतर माध्यमिक तथा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को लैपटाप व टैबलेट
- बच्चों की चल-अचल संपत्तियों की कानूनी सुरक्षा
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कैसे करें आवेदन
- निर्धारित प्रारूप पर पूर्ण रूप से भरे एवं स्वयं सत्यापित ऑफलाइन आवेदन निम्न के पास प्रस्तुत करे
- ग्राम विकास या पंचायत अधिकारी या विकास खंड या लेखपाल या तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय
- माता- पिता व माता या पिता की मृत्यु से एक वर्ष के भीतर आवेदन करें
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बोले जिम्मेदार
मंडलायुक्त ने निर्देश दिया है कि कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चों की खोजा कर उन्हें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाया जा सके। ऐसे बच्चों की खोज में गंभीरता दिखाई जा रही है। जिससे कोई भी अनाथ बच्चा योजना से वंचित न रह जाए।
प्रियंका निरंजन, जिलाधिकारी