ठंड लगने से गोशालाओं में बंद 14 गोवंशों की मौत
जनवरी । घर के बाहर पड़ी ईंट को उठाने पर दबंग ने दंपत्ति के साथ मारपीट कर दी। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच कर रही है।
संवाद सूत्र, कदौरा : ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम बबीना में उस समय हड़कंप मच गया, जब शुक्रवार सुबह अस्थाई गोशाला में 11 गोवंश मृत मिले। जैसे ही ग्रामीणों को भनक लगी तो सभी एकजुट हो गए। प्रधान तथा शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। सूचना पर पहुंची पुलिस और एडीओ पंचायत ने किसी तरीके से लोगों को शांत कराया। ग्रामीणों का आरोप था कि भूख और ठंड से मवेशियों की मौत हुई है। आननफानन बिना पोस्टमार्टम कराए ही शवों को दफना दिया गया, ताकि मौत की वजह सामने नहीं आ सके।
ग्राम बबीना में पुराने पंचायत भवन में अस्थाई गोशाला खोली गई है। इसमें तकरीबन 200 अन्ना जानवर बंद किए गए हैं। ग्राम पंचायत व ग्रामीणों के सहयोग से चलवाई जा रही गोशाला में सुबह 11 मवेशी मृत मिले, जिससे हड़कंप मच गया। आनन-फानन में प्रधान व एडीओ पंचायत ने मृत मवेशियों को गोशाला से निकाल कर गांव के बाहर जेसीबी से गड्ढा खुदवाकर बगैर पोस्टमार्टम के दफना दिया, जिससे ग्रामीण और भड़क गए। खाने-पीने की नहीं है उचित व्यवस्था
ग्रामीण रामबाबू शुक्ला, विनय सिंह, अनुज सिंह, अजय सिंह, विनोद सिंह, धीरेंद्र सिंह, श्यामू महाराज आदि ने आरोप लगाया कि बगैर किसी व्यवस्था के जानवरों को मरने के लिए गोशाला में बंद कर दिया गया है। न तो उनके खाने की उचित व्यवस्था की गई और न ही उनको ठंड से बचाने की कोई व्यवस्था की गई। इससे उनकी मौत हो गई। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। 50 घायल मवेशियों की जान है खतरे में
ग्रामीणों का आरोप है कि गोशाला में करीब 50 गोवंश घायल अवस्था में हैं। जिनकी देखरेख नहीं की जा रही है, जिससे उनकी भी मौत हो सकती है। इसके बाद मौके पर पहुंचे आला अधिकारियों ने ग्रामीणों को शांत कराया। उपजिलाधिकारी कौशल कुमार का कहना है कि जांच करवाकर उचित कार्रवाई की जाएगी। तीन गायों की मौत
महेबा : बारिश हर किसी से लिए आफत बन गई। गोशालाओं में बंद मवेशियों के लिए व्यवस्थाएं न होना उनकी मौत का कारण बन रही है। ब्लाक क्षेत्र के ग्राम चुर्खी को अस्थायी गोशाला में बंद तीन गायों की दलदल में फंसने से मौत हो गई। ग्रामीणों की सूचना के बाद भी कोई जिम्मेदार वहां झांकने तक नहीं गया। हालत यह रही कि देर शाम तक शव गोशाला में ही पड़े रहे।