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लॉकडाउन में मनरेगा से मजदूरों को मिला सहारा

संस हाथरस लॉकडाउन में हाथरस जनपद के मजदूरों के लिए सरकार की मनरेगा योजना पालनहार बनकर आई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 12:28 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 12:28 AM (IST)
लॉकडाउन में मनरेगा से मजदूरों को मिला सहारा

संस हाथरस : लॉकडाउन में हाथरस जनपद के मजदूरों के लिए सरकार की मनरेगा योजना पालनहार बनकर आई है। कोरोना के डर से घर लौटे मजदूरों को मनरेगा में काम मिलने से रोजी रोटी का आसरा बढ़ा है। अगर दो महीने के आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो सरकारी योजनाओं में मनरेगा की एक ऐसी योजना है जिसे जिदगी जीने का सहारा दिया है। एक नए सवेरे की उम्मीदें जागी हैं। रोजाना 39 हजार मजदूरों का काम मिला है। इन मजदूरों में 6300 मजदूर ऐसे हैं जो बाहर से गांव आए हैं। काम पाकर कैसे परिवार को पाल रहे मजदूर। प्रस्तुत है योगेश शर्मा की रिपोर्ट।

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यूं तो पूरे जनपद में ही मनरेगा के कार्य चलते हैं और मजदूरों को 100 दिन काम की गारंटी मिलती है। मगर सिर्फ 100 दिन काम से गांव के मजदूर संतुष्ट नहीं थे इस कारण उन्होंने दूसरे शहरों की ओर कूच किया था, मगर कोरोना के वायरस से ऐसा कहर बरपाया कि दो वक्त की रोटी जुटाने गए मजदूरों को अपने गांव आने पर मजबूर होना पड़ा। दरअसल, योगी सरकार ने भरोसा दिलाया था अपने घर लौटें, काम हम देंगे। किसी को भूखे पेट नहीं सोने देंगे।

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प्रशासन की पहल

योगी सरकार के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश थे कि प्रवासी मजदूरों को हर हाल में मनरेगा में काम दिया जाना सुनिश्चित हो। इसमें कतई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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पूरे जनपद में ग्राम पंचायतों की संख्या- 474

मानव दिवस में अब तक किया भुगतान- 20666

जनपद की इतनी पंचायतों में हो रहा काम-426

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201 रुपये मिलती है हर मनरेगा मजदूर को मजदूरी

100 दिन काम की मिलती है मजदूर को काम का गारंटी

60 दिन से नहीं मिल रहा था मजदूरों का काम

598 है मनरेगा में कार्यों की कुल संख्या

8972 मजदूरों के बनाए कुल जॉब कार्डों की संख्या

2947 मस्टर रोल आज तक जारी है

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वर्जन

हमारी जिम्मेदारी है कि हम मजदूरों को काम दें। इस बारे में सीडीओ और अन्य अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अलावा किसी भी मनरेगा मजदूर को शिकायत है तो वह तुरंत बता भी सकता है।

प्रवीण कुमार लक्षकार, डीएम हाथरस।

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इनका कहना है

मनरेगा में बाहर से आए 6300 मजदूरों को काम दिया गया है। वह काम पाकर खुश भी हैं। उनको मजदूरी के साथ राशन भी मिल रहा है। यहां के मजदूरों को मिलाकर कुल 39,200 मजदूर काम हैं।

अश्वनी कुमार मिश्रा, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण हाथरस।

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मानव दिवस 23 मई तक काम

हसायन-30186

हाथरस- 33385

मुरसान- 32676

सादाबाद- 38983

सासनी- 39438

सिकंदराराऊ-32081

सहपऊ- 16549


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