बिना अनुमति के सजने लगे साप्ताहिक बाजार
जिले में विभिन्न स्थानों पर लग रहे हैं यह बाजार कोरोना के चलते नहीं मिल रही है दुकानदारों को अनुमति।
संस, हाथरस : साप्ताहिक बाजार शहर में सजने लगे हैं। इनमें दैनिक जीवन की जरूरतों के सामान के अलावा वस्त्र आदि सामान की बिक्री फड़ लगाकर की जाती है। इनकी आड़ में अन्य दुकानदार भी बाजारों में अपनी दुकानों को खोलकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
जिले में साप्ताहिक बंदी का दिन शहर व देहात क्षेत्र में नियत कर रखे हैं। शहर में रविवार के दिन साप्ताहिक बंदी रहती है। इस दिन बाजार में दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं है। इस दिन शहर में साप्ताहिक बाजार करीब दस वर्ष से लगता आ रहा है। इस बार कोविड-19 के कारण मार्च में लॉकडाउन के चलते साप्ताहिक बाजारों को बंद करा दिया गया था। इन बाजारों में लगने वाली फड़ रूपी दुकानों के दुकानदार इसके लिए कई बार अनुमति भी मांग चुके हैं। देहात क्षेत्रों में अब यह बाजार बिना अनुमति ही लग रहे हैं। कुछ व्यापारी तो हसायन आदि क्षेत्रों में स्थानीय निकाय व पुलिस की मिलीभगत से दुकानें लगा रहे हैं।
साप्ताहिक बाजारों को नौ
माह से नहीं मिली अनुमति
जिले में लगने वाले साप्ताहिक बाजार मार्च से ही बंद पड़े हैं। अब शहर में स्थाई बाजारों को अनुमति मिल चुकी है, पर साप्ताहिक बाजारों को अनुमति नौ माह बाद भी नहीं मिल सकी है। इससे इन दुकानदारों के आगे रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। इसी वजह से उन्होंने बिना अनुमति अवकाश के दिन बाजारों में दुकानें लगानी शुरू कर दी हैं। साप्ताहिक बाजार के दिन
बाजार के स्थान, दिन
हाथरस, रविवार
सिकंदराराऊ, बुधवार
सादाबाद, बुधवार
हसायन, रविवार
सासनी, गुरुवार
मुरसान, मंगलवार इनका कहना है
साप्ताहिक बाजार शहर में रविवार को पिछले कई वर्षाें से लगता आ रहा है। इसमें लोगों को सस्ती कीमतों पर वस्त्र व अन्य घरेलू सामान मिल जाता है। इसमें गरीब व अमीर सभी तरह के ग्राहक पहुंचते हैं।
-सर्वेश कुमार, ग्राहक इस बाजार में सप्ताह में एक दिन दुकानें लगाने के मौका छोटे दुकानदारों को मिलता है। लॉकडाउन से यह बाजार बंद पड़ा है। अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए बाजार में दुकान लगाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
-प्यारेलाल, दुकानदार कोरोना के चलते ही रविवार बाजार को लगाने की अनुमति नहीं दी गई है। यह बाजार ढकपुरा मार्ग पर लगाया जाता है। इसके संबंध में जिला प्रशासन के दिशा-निर्देश मिलने पर ही इसे अनुमति दी जाएगी।
-डॉ. विवेकानंद गंगवार, ईओ नगर पालिका हाथरस