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आठ गांवों में 15 दिन से जलापूर्ति ठप

खारे पानी से जूझ रहे कुरसंडा क्षेत्र के इन गांवों के लोगों ने लगाई अधिकारियों से गुहार देखो सरकार एक ट्यूबवेल का वाल्ब खराब और दूसरे ट्यूबवेल पर ऑपरेटर ही नहीं ग्रामीण महंगा आरओ वाटर खरीदने को विवश मवेशी पड़ रहे बीमार

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 12:56 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:06 AM (IST)
आठ गांवों में 15 दिन से जलापूर्ति ठप

संवाद सूत्र, हाथरस : सादाबाद के कुरसंडा क्षेत्र के अधिकांश गांव खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। क्षेत्र के आठ गांवों में 15 दिन से मीठे पानी की आपूर्ति ठप है। यह संकट नगला मिठास के पास बने ट्यूबवेल का वाल्ब खराब होने और दूसरे ट्यूबवेल पर ऑपरेटर न होने से पैदा हुआ है। ग्रामीण महंगा आरओ वाटर खरीदने को विवश हैं। जो नहीं खरीद सकते वे खारे पानी से ही प्यास बुझा रहे हैं, जो उनके जीवन के लिए खतरनाक है।

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जल निगम के कर्मियों की लापरवाही से आठ गांव के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। अफसरों से शिकायतों के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो सका है। फिलहाल कुरसंडा क्षेत्र के गांव नगला काठ, नगला मिठास, नगला ध्यान, नगला अनगदा, थलूगढ़ी लालगढ़ी, भदूरी तथा मोतीगढ़ी के ग्रामीणों को 15 दिन से जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। गांव में खारा पानी पशुओं को भी नहीं पिला सकते। मीठा पानी लाने के लिए चार किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है।

25 साल से खारा पानी :

कुरसंडा न्याय पंचायत के लगभग सभी 22 गांव के अलावा निकट पंचायत दगसह व छावा में भी खारा पानी है। 25 वर्ष पहले गांव में अच्छा पानी हुआ करता था। लोग विकलांग और बीमार पड़ने लगे तो खारा पानी पीना छोड़ दिया।

चार किलोमीटर दूर है मीठा पानी :

खारा पानी से परेशान ग्रामीण पैदल, साइकिल, बुग्गी, ट्रैक्टर व मोटरसाइकिल आदि से कुरसंडा या फिर गांव सरोट जाकर पानी लाने को मजबूर होते हैं। पानी लाने के लिए आने-जाने में आठ किलोमीटर चलना पड़ता है।

वर्ष 2012 में लगे थे ट्यूबवेल :

वर्ष 2012 में तत्कालीन सपा विधायक देवेंद्र अग्रवाल ने कुरसंडा को खारे पानी से मुक्ति दिलाने के लिए चार ट्यूबवेल तथा तीन टंकियों का निर्माण शासन स्तर से कराया था। इनमें से एक ट्यूबवेल का पानी भी खारा है। ट्यूबवेल व टंकी नगला मिठास में बनी हैं, जिसकी सप्लाई ग्राम पंचायत कुरसंडा के सभी गांवों में होती है। इस टंकी के लिए सरौंठ बम्बा के पास एक दूसरा ट्यूबवेल है, जिसका पानी मीठा है, लेकिन जब से ट्यूबवेल चालू हुआ है तब से आज तक लोगों को मीठा पानी नसीब नहीं हुआ।

बार-बार बंद होती है आपूर्ति :

पानी की आपूर्ति बंद होने पर जब शिकायत अधिकारियों से की जाती है तब जल निगम के अधिकारी इस ट्यूबवेल को चालू कर पेयजल आपूर्ति शुरू करा देते हैं मगर दो दिन बाद वाल्ब खराब बताकर बंद कर दी जाती है।

ऑपरेटरों के तबादले की मांग :

ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर तैनात ऑपरेटर लंबे समय से जमे हैं और वे अक्सर ड्यूटी पर नहीं आते हैं। इसी वजह से सप्लाई बाधित होती है। इनको दूसरे स्थान पर भेजकर दूसरे ऑपरेटरों को यहां तैनात किया जाना चाहिए। इनका कहना है

मीठा पानी न मिलने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। घर की महिलाओं व खुद मुझे दूर जाकर पानी लाना पड़ रहा है।

-उदयवीर सिंह, नगला काठ क्षेत्र में पानी की आपूर्ति की विषम परिस्थितियां हैं। खारा पानी होने की वजह से हम मीठे पानी के लिए तरस गए हैं। पानी की चिंता में डूबे रहते हैं।

-श्रीकृष्ण, ग्रामीण नगला ध्यान। समय से पेयजल आपूर्ति लाइन चालू न होने से परेशान हो गए हैं। मवेशियों को खारा पानी पिलाने से वे भी बीमारी पड़ने लगे हैं। किससे दुखड़ा रोएं।

-स्नेहीलाल ग्रामीण,नगला ध्यान वर्जन --

संपूर्ण समाधान दिवस की शिकायत में यह बात उनके संज्ञान में लाई गई थी। जल निगम के अधिकारी को बुलाकर चेतावनी दी थी। ग्रामीणों की समस्या से भलीभांति परिचित हूं। गुरुवार को जल निगम के अधिकारियों को बुलाकर पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करूंगा।

-रामजी मिश्र उपजिलाधिकारी, सादाबाद


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