तीन महीने और झेलिये तालाब चौराहे पर जाम
पहले विद्युत लाइन शिफ्टिंग में देरी हुई फिर लॉकडाउन में लॉक हो गया पुल का स्टील गार्डर
जासं, हाथरस : तालाब चौराहे पर रेलवे ओवरब्रिज के कार्य में लगातार लेटलतीफी अखरने लगी है। जिस पुल को तैयार करने का समय 31 मार्च था, वह अगस्त में भी पूरा नहीं हो सका। अब भोपाल से स्टील गार्डर मिलने में भी काफी वक्त लग रहा है। माना जा रहा है कि तालाब चौराहे पर अभी तीन महीने और जाम का झाम झेलना पड़ेगा।
शहर के तालाब चौराहे पर दो हाईवे मिलते हैं। दोनों ओर के जबरदस्त यातायात के कारण रेलवे लाइन पर लंबे समय से ओवरब्रिज निर्माण की मांग उठती रही। निर्माण शुरू हुआ तो किसी न किसी वजह से व्यवधान आता रहा और काम लेट होता रहा। 700 मीटर पुल में से सेतु निगम ने काफी हद तक अपने हिस्से का काम पूरा कर लिया है। थोड़ा काम रह गया है, मगर यह काम तभी पूरा हो पाएगा तब रेलवे की ओर से स्टील गार्डर रख दिया जाएगा। अच्छी बात ये है कि इस दौरान मैटेरियल के रेट नहीं बढ़े। वहना बजट का रोना भी सामने आता।
कोरोना काल ने रोका काम
लॉकडाउन शुरू होने से पहले विद्युत विभाग की देरी के कारण तालाब चौराहे पर चल रहे रेलवे ओवर ब्रिज का काम तीन महीने पिछड़ गया था। डीएम की फटकार के बाद काम में तेजी आई। अब सेतु निगम पुल के दोनों ओर सड़क बनवा रहा है। बड़ा काम लाइन के ऊपर स्टील गार्डर का रखना रह गया है। स्टील गार्डर बनाने वाली भोपाल की फैक्ट्री को भी प्रशासन ने लॉक कर दिया था, मगर रेलवे अफसरों ने लिखा पढ़ी की तो अब एक महीने पहले स्टील गार्डर का काम शुरू हो सका है। अभी 30 फीसद ही काम हो सका है, बाकी 70 फीसद काम होना रह गया है जो अगले दो महीने में पूरा हो जाएगा। पुल को लेकर डीएम गंभीर रहे हैं। कई बार सेतु निगम और रेलवे अफसरों को निर्देश भी दिए गए मगर काम की गति तेज नहीं हुई। वर्जन
स्टील गार्डर बनने में थोड़ा सा वक्त लग रहा है। इस बारे में लगातार रेलवे अधिकारियों से वार्ता हो रही है। उम्मीद है कि दो महीने में स्टील गार्डर मिल जाएगा। उसके बाद एक महीने में पुल बनकर तैयार हो जाएगा।
-प्रवीण कुमार लक्षकार, डीएम हाथरस। लॉक डाउन के कारण रेलवे पुल का काम रुका रहा था। इसके बाद कोविड 19 के नियमों का ख्याल रखते हुए मजदूरों से काम कराया गया तो रफ्तार धीमी रही। जिस फैक्ट्री में स्टील गार्डर बन रहा है वह कई महीने लॉक डाउन में बंद रही। अब जल्द स्टील गार्डर मिल जाएगा।
-राजेंद्र सिंह, पीआरओ पूर्वाेत्तर डिवीजन। पब्लिक के बोल
रेलवे पुल का काम लंबा खिचता जा रहा है। इसके कारण दिनभर गुजरते वाहनों के कारण धूल उड़ती है। अगर पुल बन जाए तो कम से कम वाहनों के आवागमन में सहूलियत होगी और धूल का गुबार भी नहीं उड़ेगा।
महेश चंद्र, दुकानदार। तालाब चौराहे पर पुल के निर्माण में हो रही देरी के कारण लोगों को लगातार परेशानी हो रही है। अगर पुल बन जाए तो बाइपास होकर निकल रही दूसरे शहरों की बसों का आवागमन हाथरस होकर शुरू हो तो सहूलियत मिलेगी।
पवन शर्मा, राहगीर। एक नजर में
23.50 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा ओवरब्रिज।
23 जुलाई 18 को हुआ था शिलान्यास।
14 सितंबर 19 को निर्माण शुरू हुआ मगर 22 मार्च 20 से रुक गया था काम।
33 फीसद मजदूरों के साथ काम होने से गति रही धीमी।