'इल्तजा करने लगे चाद-सितारे मुझसे'
संसू, हाथरस : सिकंदराराऊ नगर की साहित्यिक संस्था बज्मे हाली की मासिक गोष्ठी सम्पन्न हुई, अध्यक्षता
संसू, हाथरस : सिकंदराराऊ नगर की साहित्यिक संस्था बज्मे हाली की मासिक गोष्ठी सम्पन्न हुई, अध्यक्षता आकिल हुसैन ने तथा संचालन जहीरुद्दीन साहिल ने किया। नाते पाक जमीरउद्दीन जमीर ने पढ़ी और शमा रोशन राजू चूड़ी वालों ने की। गोष्ठी की शुरुआत शमसुल अहद शम्स ने इस
गजल से की- 'किस लिए लौट गए लोग उदासी ओडे़, जाने क्या कहने को आए थे बेचारे मुझसे।'
शायर इरफान अब्बासी कासगंजवी ने शेर पढ़ कर खूब दाद बटोरी, 'उसका दिल रखने को मैं हार गया हूं अक्सर, बरना चाहूं तो हर जाम पे हारे मुझसे।'
डा. साहिल ने रचना पढ़ी-'कह दो महबूब से बेपर्दा न छत पर आए, इल्तजा करने लगे चाद-सितारे मुझसे।'
बारिस उझियानवी ने सुनाया- 'रात भर करते रहे बात सितारे मुझसे, तब कहीं जाके ये गम हिजर के हारे मुझसे।'
जमीर उद्दीन जमीर ने शेर पढ़ा-'ऐ मेरे यार तेरी माग सजाने के लिए ,दूर कुछ भी तो नहीं चरख के तारे मुझसे।' इस मौके पर डॉ. दानिश सैफी ,मुहम्मद उमर कासिम, कासिम जमाल, अंजुम रूमानी, जहीर उद्दीन साहिल, मुंशी वारिश मास्टर , आकिल हुसैन, उम्मीद हसन, शमीम अहमद, डा. महमूद गजनवी, अब्दुल कदीर जिया ने भी अपने कलाम पेश किए।