निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देने का फैसला उचित
प्रतिक्रिया - डेथ वारंट जारी होने पर महिलाओं ने की फैसले की तारीफ -वर्ष 2012 में हुआ था दिल्ली में निर्भया कांड
जागरण संवाददाता, हाथरस : वर्ष 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड में चारों दरिदों को फांसी की सजा सुनाए जाने के फैसले को महिलाओं ने उचित बताया है। कहा है कि समाज में ऐसे दरिदों को एक पल भी जिदा नहीं छोड़ना चाहिए। बीच चौराहे पर फांसी पर लटकाया जाना चाहिए। ऐसे लोग समाज के लिए कलंक हैं। निर्भया मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर दिया गया है। इन चारों को 22 जनवरी की सुबह फांसी पर लटकाने का फैसला सुना दिया गया। आइए जानते हैं महिलाओं की फैसले पर राय। पब्लिक बोल फांसी देने का फैसला सही है। निर्भया कांड के दोषियों को सजा सुनाने में सात साल लग गए। अब ऐसी व्यवस्था लागू करनी होगी, जिससे के दुष्कर्म के आरोपितों को छह महीने में फांसी हो।
डॉ.पूर्णिमा दिलेर, पुत्री सांसद राजवीर दिलेर
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निर्भया कांड में दोषियों को फांसी पर लटकाने का फैसला एक दम उचित है। ऐसे फैसले और जल्दी लिए जाने चाहिए। इसमें देर से होने से दरिदों को बचने का रास्ता मिलने में मदद जाती है।
कपिल मोहन गौड़, अधिवक्ता
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निर्भया कांड जैसे मामलों पर फैसले जल्द से जल्द होने चाहिए। देर से सही पर कोर्ट ने फैसला उचित सुनाया है। ऐसे दरिदों को फांसी पर लटकाया जाना ही ठीक है। इससे परिवार को राहत मिलेगी।
शिखा शर्मा, गृहणी।
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दरिदों को फांसी पर लटकाए जाने का फैसला एक दम उचित है। इससे समाज में घूम रहे जिस्म के भूखे भेड़ियों को सबक मिलेगा। जल्द ही इन सभी को फांसी पर लटका दिया जाए।
शशी शर्मा, समाजसेवी