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गोवंश लाचार, कहां गुम हो गए पालनहार

सुबह और शाम रोजाना सड़कों पर नजर आते हैं बेसहारा गोवंश गोवंश के रखरखाव पर योगी सरकार खर्च कर रही है करोड़ों रुपया इसके बाद भी प्रशासन नहीं सुधार।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 05:19 AM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 05:19 AM (IST)
गोवंश लाचार, कहां गुम हो गए पालनहार
गोवंश लाचार, कहां गुम हो गए पालनहार

जासं, हाथरस : भले ही मवेशियों की समस्या के समाधान के लिए प्रदेश सरकार ने गांव-गांव गोशालाएं खोल दी हैं, लेकिन अभी भी सड़कों पर बेसहारा पशुओं का झुंड रात-दिन देखा जा सकता है। बेसहारा घूमते गोवंश वाहनों की चपेट में आकर खुद तो जान गवांते ही हैं, राहगीरों की भी जान जोखिम में पड़ती है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कहां गुम हो गए इनके वे पालनहार, जिन्होंने गोवंश को दूध देने तक अपने पास रखा और जब गोवंश ने दूध देना बंद किया तो सड़कों पर बेसहारा छोड़ दिया। जिले में ऐसा कोई मार्ग नहीं है जहां मवेशी हादसे का कारण न बन रहे हों।

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राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा अन्य सड़कों पर भी घूमने वाले गोवंश किसानों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाथरस-अलीगढ़ रोड हो या हाईवे, मुरसान रोड हो या हाथरस मेडूं रोड, हाथरस आगरा रोड हो या फिर जलेसर रोड। इन सभी सड़कों पर दुपहिया वाहन चालक मवेशियों से सर्वाधिक खतरा महसूस करते हैं। कब कहां से कोई मवेशी तेजी से सड़क पार कर दे, कुछ पता नहीं होता है। लोगों का कहना है कि तमाम निरीह गोवंश सड़क हादसे के शिकार भी हो रहे हैं। सड़कों पर घायल पड़े गोवंश तड़पते रहते हैं। कई बार डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र भेजा गया मगर इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है।

40 फीसद गोवंश ही गोशाला में

गोवंश को रखने के लिए बनाई गईं गोशाला में बेसहारा भटकते कुल गोवंश में से महज 40 फीसद के ही रखने की व्यवस्था प्रशासन कर सका है। बाकी 60 फीसद मवेशी सड़कों पर घूम रहे हैं जो हादसों का कारण बन रहे हैं। गोवंश से आए दिन हादसे होते हैं। एक नजर आंकड़ों पर

02 स्थाई गोशाला पुन्नेर, मेंडू में बनी हैं

17 गोशाला ग्राम पंचायतों में बनाई गई हैं

3551 गोवंश 17 गोशालाओं में रह रहे हैं

662 मवेशी स्थाई गोशाला में रह रहे हैं

30 रुपये प्रति गोवंश चारा के लिए मिलता है वर्जन -

पशु पालन विभाग का मुख्य काम संरक्षित पशुओं की चिकित्सा और टैगिग करने का कार्य है, मगर निर्देश हैं कि गोवंश की देखभाल भी की जाए। पशु पालन के अलावा पांच विभागों की जिम्मेदारी गोवंश के लिए गोशाला बनाने से लेकर अन्य इंतजामों की है। बीडीओ गोशालाओं का इंतजाम कराएं। ऐसे साफ निर्देश हैं। कुछ नगर पालिका दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रही हैं। गोवंश पालकों को भी चाहिए कि वह अपने पशुओं का पालन करें।

तेज सिंह यादव, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी हाथरस।


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