विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में जिले के साहित्यकार की रचना
नगला मिश्रिया के साहित्यकार त्रिलोकी ठकुरेला की उपलब्धि ब्लर्ब पूर्व में सिगापुर के एक्सीड एजुकेशन के पाठ्यक्रमों में शामिल हो चुकी हैं रचनाएं
संवाद सूत्र, हाथरस : जिले के साहित्यकार त्रिलोकी सिंह ठकुरेला की रचना कवयित्री बहिणाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, जलगांव के पाठ्यक्रम में शामिल की गई है। उनकी इस उपलब्धि पर बधाई देने वालों का तांता लग गया है। इस विवि की मानविकी विज्ञान विद्याशाखा मुख्यांश पाठ्यक्रम में रचना शामिल हुई है।
53 वर्षीय त्रिलोकी सिंह इगलास रोड स्थित गांव नगला मिश्रिया के रहने वाले हैं। वे उत्तर पश्चिम रेलवे में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। वे साहित्यकार के साथ कवि व कुंडलियाकार भी हैं। उनके अनुसार बीए द्वितीय वर्ष की हिदी पाठ्य पुस्तक 'हिदी की प्रतिनिधि लघुकथाएं' में रचना शामिल हुई है। उनकी कई रचनाएं सिगापुर एक्सीड एजुकेशन के कई पाठ्यक्रमों में शामिल हो चुकी हैं। एक्सीड एजुकेशन का मुख्यालय सिगापुर में है, जिसकी शिक्षण पद्धति भारत सहित 8 देशों के हजारों स्कूलों में संचालित हैं। इसके अलावा पूर्व में महाराष्ट्र की दसवीं कक्षा की पाठ्य-पुस्तक 'हिदी कुमार भारती' सहित अनेक पाठ्य-पुस्तकों में उनकी रचनाएं शामिल हो चुकी हैं। त्रिलोक सिंह ठकुरेला को उनके साहित्यिक क्षेत्र में योगदान के लिए राजस्थान साहित्य अकादमी, पंजाब कला साहित्य अकादमी, हरियाणा प्रादेशिक साहित्य सम्मेलन एवं हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग व अन्य अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित किया जा चुका है।
उनकी तीन कृतियां नया सवेरा (बाल साहित्य), काव्यगंधा (कुण्डलिया संग्रह) व समय की पगडंडियों पर (गीत संग्रह) प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अलावा आधुनिक हिदी लघु कथाएं, कुंडलिया छंद के सात हस्ताक्षर, कुंडलिया कानन, कुंडलिया संचयन, समसामयिक हिदी लघुकथाएं व कुंडलिया छंद के नए शिखर सम्मान का संपादन कर चुके हैं। इन कार्यों के लिए वे सम्मानित हो चुके हैं। इसके अलावा आकाशवाणी और रेडियो मधुवन से भी उनकी रचनाओं का प्रसारण हुआ है।
इन्होंने हर्ष जताया : कवि ठकुरेला की इस उपलब्धि पर क्षेत्र के सुप्रसिद्ध दोहाकार शिव कुमार 'दीपक', शेषमृत पत्रिका के संपादक अवशेष कुमार विमल, गाफिल स्वामी, नूर मोहम्मद नूर, हरिभान सिंह हरि, डॉ. एमपी विमल, डॉ.राजेश कुमार, शिवम आजाद, जेपी पचौरी, श्यामबाबू चितन, बाबा देवी सिंह निडर आदि कवियों ने हर्ष व्यक्त करते बधाई दी है।