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कल्पनाओं के कैनवास से कुरीतियों पर चोट

प्रगतिशील कल्पनाओं के रंग से देश-दुनिया में चमक रहे चित्रकार हाथरसी भेदप्रकाश जिले के गौरव आ‌र्ट्स में पीएचडी युवा चित्रकार ने पुरस्कारों की झड़ी लगा दी है बेटी की उड़ान नामक चर्चित पेंटिग लंदन में भी हो चुकी है प्रदर्शित

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 12:35 AM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 12:35 AM (IST)
कल्पनाओं के कैनवास से कुरीतियों पर चोट
कल्पनाओं के कैनवास से कुरीतियों पर चोट

किशोर वाष्र्णेय, सादाबाद (हाथरस) :

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नारे सिर्फ लिखे और बोले ही नहीं जाते, कैनवास पर उकेरी गईं लकीरों से भी प्रकट होते हैं और प्रभाव छोड़ते हैं। जिले के युवा चित्रकार भेदप्रकाश सिंह उर्फ चित्रकार 'हाथरसी' इसी फन के माहिर हैं। कुरीतियों पर चोट के लिए जब कल्पनाओं को कैनवास पर उकेरते हैं तो देखने वाले स्तब्ध रह जाते हैं। इन दिनों अपनी ऐसी ही प्रगतिशील कल्पनाओं के रंग से देश-दुनिया में चमक रहे हैं। एक से बढ़कर एक पेंटिग के जरिये हाथरस का नाम रोशन कर रहे हैं। आ‌र्ट्स में पीएचडी युवा चित्रकार ने पुरस्कारों की झड़ी लगा दी है। 'बेटी की उड़ान' नामक पेंटिग लंदन में भी प्रदर्शित हो चुकी है। उनकी ज्यादातर पेंटिंग सामाजिक सरोकारों, कुरीतियों और समसामयिक मुद्दों पर आधारित होती हैं।

परिचय : बिसावर ग्राम पंचायत के मजरा नगला छत्ती में किसान परिवार में पैदा हुए भेदप्रकाश चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। पिता अमर सिंह खेतीबाड़ी करते हैं और मां अनोखी देवी गृहणी हैं।

मां से मिली प्रेरणा : मां अनोखी देवी अक्सर गोबर के बिटोरों पर पशु-पक्षी आदि कलाकृतियां बनाती थीं। उन्हीं को देखकर बचमन में ही पेटिग का शौक लगा। 12वीं में कला को मुख्य विषय के रूप में लिया। अध्यापक रामशंकर पचौरी के निर्देशन में कला के गुर सीखे तथा स्नातक करने के लिए आगरा कॉलेज में कला विषय से प्रवेश लिया। यहां से कला में एमए करने के बाद चित्रकला प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनियों में भाग लेना शुरू कर दिया।

कला में शोधार्थी बने : दादाजी स्व.गोपीराम का सपना पूरा करने के लिए वह जेजेटी यूनिवर्सिटी झुंझुनू (राजस्थान) से ललित कला में पीएचडी की। वह हाथरस जिले के प्रथम ललित कला शोधार्थी बने। पेंटिग के माध्यम से चित्रकार हाथरसी समाज में व्याप्त बुराइयों को सामने लाते रहते हैं तथा शासन-प्रशासन से समाधान कराने का प्रयास करते हैं। उनका उद्देश्य जनपद को कला जगत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाना है।

ये मिले प्रमुख पुरस्कार

-राजा रवि वर्मा कलाकार सम्मान भारतीय कलाकार संघ मध्य प्रदेश द्वारा।

-राष्ट्रीय श्रेष्ठ कलाकार सम्मान कला भवन अयोध्या द्वारा।

-उड़ान राज्य स्तरीय पुरस्कार कला जीवन बहुउद्देशीय संस्था महाराष्ट्र द्वारा।

-रियल इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड बाय यूएनओ एंड आर्ट एंड पीस इंडिया करनाल हरियाणा द्वारा।

-भारत सेवा रत्न अवॉर्ड भारत सेवा न्यास मथुरा द्वारा।

-प्रधानमंत्री सम्मान पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा।

-मिस्टर फाइन आर्ट अवार्ड 2015 आगरा कॉलेज आगरा द्वारा।

प्रमुख पेंटिग्स

बेटी की उड़ान : एमएफ हुसैन की पेंटिग के साथ लंदन में प्रर्दिशत।

मीजल्स रुबेला : मुख्य चिकित्सा अधिकारी हाथरस द्वारा सराहनीय।

जवान और किसान : राज्य ललित कला अकादमी के लिए।

धूम्रपान और परिवार : जिलाधिकारी हाथरस द्वारा सराही गई।

यमुनांजलि : यमुना बचाओ मिशन आगरा के लिए।

तारुमल : इंद्रधनुष वर्कशॉप आगरा

स्त्री करुणा एवं वीरांगना के लिए।

हंड्रेड माइल्स आफ स्माइल्स

आधुनिक भारत : गांव की सड़कों की दुर्दशा पर, नगला छत्ती में इससे प्रभावित होकर रोड बनी।

भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी : ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश।

शहीद ए पुलवामा : शहीदों को सर्मिपत।

नारी सशक्तीकरण : नारी आíटस्ट कैंप आगरा। इनसेट -

झुंझुनू में हुआ सम्मान

उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी व जेजेटी विश्वविद्यालय झुंझुनू (राजस्थान) के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय की शामिका आर्ट गैलरी में तीन दिवसीय राष्ट्रीय चित्रकार शिविर 27 से 29 जनवरी तक आयोजित किया गया। शिविर में अंतरराष्ट्रीय व देशभर से करीब 50 प्रख्यात चित्रकारों के साथ भेद प्रकाश सिंह का भी सम्मान किया गया। चित्रकार हाथरसी ने शिवलिग को अपनी पेंटिग का विषय बनाया। प्रदर्शित किया कि शिवलिग संपूर्ण सृष्टि का सार है तथा समस्त देवी देवताओं का मूल शिवलिग ही है। परिवार के साथ रहते हुए भी शिव संन्यासी हैं। सतोगुण, रजोगुण व तमोगुण के कारण होते हुए भी वह निर्गुण है, साकार होते हुए भी वे निराकार हैं। मुख्य अतिथि पद्मश्री बाबा योगेंद्र ने चित्रकार हाथरसी की पेंटिग की सराहना की और उन्हें सम्मानित किया।


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