लूट का माल खरीदने वाले सर्राफ की जमानत खारिज
मुसीबत की मार -बदमाश ने 30 प्रतिशत पर माल खरीदने की दी थी जानकारी -वादी की सजगता के कारण पहली बार किसी सर्राफ पर हुई कार्रवाई
जागरण संवाददाता, हाथरस : लूट पीड़ित की सजगता की वजह से ही गलत काम करने वाले सर्राफ पर पहली बार कार्रवाई हुई। पुलिस ने लगभग सर्राफ को बचा ही लिया था, लेकिन वादी के सक्रिय होने पर पुलिस को आनन-फानन उसे फर्द में शामिल करना पड़ा। अब जिला न्यायालय से आरोपित की जमानत खारिज हो गई।
प्रगतिपुरम में दिनदहाड़े महिला को बंधक बनाकर हुई लूटपाट की घटना का पुलिस ने पिछले सप्ताह पर्दाफाश किया था। पुलिस ने रहीस व लाला निवासीगण मधुगढ़ी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लूटे गए जेवर बेचकर आए दो लाख रुपये बरामद दिखाए थे। प्रेस वार्ता के दौरान सर्राफ का नाम नहीं खोला गया था, लेकिन पूरा माल बरामद न होने पर जब वादी ने हाथ-पैर मारे तो आनन-फानन सर्राफ को फर्द में शामिल किया गया। रहीस ने बताया कि अब तक कई चोरियों का माल उसने सर्राफ बलवीर सिंह को बेचा है। वे 30 फीसद पर माल खरीदते थे। इसके बाद शहर में चर्चा उड़ी कि सर्राफ ने आठ लाख रुपये देकर पीछा छुड़ाया था। किरकिरी होने पर पुलिस ने आनन-फानन सर्राफ बलवीर सिंह को 10 अक्टूबर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। सर्राफ ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी डाली थी। लूट पीड़िता के भाई विनोद दीक्षित ने बताया कि निचली अदालत से खारिज होने के बाद मंगलवार को जिला जज कोर्ट में अर्जी पर सुनवाई हुई। वादी पक्ष से सरकारी अधिवक्ता हरिओम शर्मा ने पैरवी की। उनके अनुसार कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 21 अक्टूबर निर्धारित की है। विनोद दीक्षित ने कहा कि अभी तीन बदमाशों की गिरफ्तारी शेष है। उन्हें भी जल्द पकड़ा जाना चाहिए।