शिक्षक ने संवारा बेटियों का भविष्य
सासनी के पूर्व मा. विद्यालय नगला खंदा में तैनात सहायक अध्यापक की उपलब्धि योगदान छुट्टी के बाद कराई राष्ट्रीय आय व छात्रवृत्ति योग्यता परीक्षा की तैयारी पांच छात्राओं ने बढ़ाया बेसिक शिक्षा विभाग का मान अब मिलेगी छात्रवृति
प्रमोद सिंह, हाथरस : सासनी ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला खंदा में तैनात सहायक अध्यापक गरीब परिवार की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाकर उनका भविष्य संवारने में जुटे हुए हैं। कक्षा आठ में पढ़ने वाली बेटियों को राष्ट्रीय आय एवं छात्रवृत्ति योग्यता परीक्षा की तैयारी कराई। उनमें से पांच छात्राओं ने परीक्षा पास कर ली है। अब इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए छात्राओं को हर माह एक हजार रुपये बतौर छात्रवृत्ति मिलेगी। छुट्टी के बाद कराई तैयारी
राष्ट्रीय आय एवं छात्रवृत्ति योग्यता परीक्षा की तैयारी शिक्षक अनिल कुमार ने स्कूल समय के बाद छात्राओं को कराई थी। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को लेकर यह कदम उठाया था। सामाजिक विज्ञान विषय की तैयारी स्वयं कराई, जबकि गणित, तर्कशक्ति और विज्ञान की बेहतर तैयारी के लिए छात्राओं को कोचिग करनी पड़ी। राष्ट्रीय आय एवं छात्रवृत्ति प्रतियोगिता परीक्षा सरस्वती इंटर कॉलेज में पिछले साल तीन नवंबर को हुई थी, जिसमें माध्यमिक स्कूलों के 70 तथा बेसिक स्कूलों के 32 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया था। परीक्षा में कक्षा आठ में पढ़ने वाले विद्यार्थी ही प्रतिभाग कर सकते थे। मार्च में परिणाम आया तो जिले के 40 बच्चों ने पास किया। बच्चियों ने बढ़ाया मान
परीक्षा में माध्यमिक और बेसिक स्कूलों के तमाम विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया था, लेकिन पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला खंदा की पांच बेटियों सुरभि, लक्ष्मी, काजल, निशा कुमारी और साधना कुमारी को सफलता मिली। इसमें सहायक अध्यापक अनिल कुमार की मेहनत ने रंग दिखाया। अब नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर डाटा अपलोड कराया जा रहा है। अब कक्षा 12 तक हर माह एक हजार रुपये छात्रवृत्ति मिलेगी। झेलना पड़ा था निलंबन
पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला खंदा में तैनाती से पूर्व सहायक अध्यापक अनिल कुमार पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिलौठी में तैनात थे। गांव की राजनीति के कारण कुछ लोगों ने शिक्षक से गलत व्यवहार किया। झूठी शिकायत और गांव की राजनीति के कारण शिक्षक का करीब एक साल पूर्व निलंबित कर दिया गया। छह माह बाद जांच लंबित रहने से बहाल हुए। अब एक साल बाद क्लीन चिट मिली। तिलौठी विद्यालय में भी इन्होंने विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना कराई थी।