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लोक अदालत के बहिष्कार पर बखेड़ा, वादकारियों को रोका

मुरसान थाना क्षेत्र के न्यायिक कार्य बाह्य न्यायालय सादाबाद से संबद्ध किए जाने का जोरदार विरोध ब्लर्ब- अधिवक्ताओं ने की नारेबाजी क्रमिक अनशन जारी हड़ताल के बीच ही निपटाए गए वाद

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 12:41 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 06:05 AM (IST)
लोक अदालत के बहिष्कार पर बखेड़ा, वादकारियों को रोका
लोक अदालत के बहिष्कार पर बखेड़ा, वादकारियों को रोका

जागरण संवाददाता, हाथरस : जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को अधिवक्ताओं के आंदोलन के दौरान जमकर हंगामा हुआ। राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करते हुए वादकारियों को रोका गया। समझाने आए पुलिस अधिकारियों से नोकझोंक हुई। फिर अधिवक्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। अनशन पर भी बैठे। हंगामे के बीच ही भारी पुलिस बल की मौजूदगी में वादों का निस्तारण किया गया।

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डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के बैनर तले पिछले पांच दिन से वकीलों का आंदोलन चल रहा है। दरअसल मुरसान थाने के न्यायिक कार्य को जिला मुख्यालय से हटाकर सादाबाद कोर्ट से संबद्ध कर दिया गया है। इसके विरोध में जिला मुख्यालय के वकीलों का आंदोलन चल रहा है। अधिवक्ताओं का तर्क है कि मुरसान से जिला मुख्यालय नजदीक है। इसके अलावा कलक्ट्रेट के पास नया भवन बनने जा रहा है। मुरसान से उसकी दूरी महज चार किलोमीटर है। वह स्थान मुरसान थाना क्षेत्र के अंतर्गत भी आता है। ऐसे में मुरसान को सादाबाद बाह्य न्यायालय से संबद्ध करना अनुचित है। इसी मांग के लिए अधिवक्ता हड़ताल व क्रमिक अनशन कर रहे हैं। शनिवार को इसी क्रम में अधिवक्ताओं ने राष्ट्रीय लोक अदालत का पूर्ण बहिष्कार किया। इस बहिष्कार को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पूरे रेंज से फोर्स बुलाया गया था। पुलिस की सुरक्षा में वाद निपटाने के लिए स्टॉल लगे, जहां फौजदारी, सिविल, बैंक व विद्युत संबंधी वाद निपटाए गए।

वकीलों ने बैंक, विद्युत संबंधी स्टॉल पर मौजूद अधिकारियों से सहयोग की अपील भी की। न्यायालय परिसर में आने वाले वादकारियों को भी वकीलों ने समझाया तथा उन्हें स्टॉल तक जाने से रोका। जबरदस्त नारेबाजी की। इस दौरान समझाने आए पुलिस अधिकारियों से वकीलों की नोकझोंक हुई। मामला न बिगड़े इसलिए पुलिस बैकफुट पर ही रही। शाम तक अधिवक्ताओं का आंदोलन चलता रहा। रेल रोको आंदोलन की चेतावनी

अधिवक्ताओं का आंदोलन दिन पर दिन उग्र होता जा रहा है। शनिवार को भी अधिवक्ता क्रमिक अनशन पर बैठे। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत सारस्वत ने कहा है कि उनके आंदोलन को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। यह प्रशासन की हठधर्मी को दर्शाता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मांग नहीं मानी गई तो अधिवक्ता मुरसान बंद तथा रेल रोको जैसे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। समाधान का अनुरोध

इस आंदोलन के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हाईकोर्ट प्रयागराज के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट लखनऊ के प्रशासनिक न्यायाधीश व हाईकोर्ट प्रयागराज के रजिस्ट्रार जनरल को भी पत्र लिखा है। जिला जज के माध्यम से यह पत्र भेजा गया है। एसोसिएशन के सचिव अरविद वशिष्ठ ने बताया कि पत्र में न्यायिक अधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि समस्या का जल्द से जल्द समाधान कराया जाए। इधर आंदोलन खिचता जा रहा है। अब तक शांतिपूर्ण ढंग से अधिवक्ता आंदोलन कर रहे हैं। मांग की गई है कि आदेश को वापस लेकर मुरसान थाने को जिला मुख्यालय से संबद्ध किया जाए। हड़ताल में ये रहे शामिल

संगठन के पदाधिकारियों के अलावा इस हड़ताल में बख्शी विनय कुमार कौशिक, कपिल मोहन गौड़, केके शर्मा, गोविद वशिष्ठ, मनीष कौशल, गोविद उपाध्याय, रवि कुमार, पार्थ गौतम, विनोद शर्मा उर्फ बंटी, मनोज शर्मा, शिवाकांत शर्मा, रवि कुमार बघेल, शेर सिंह, मनीष कुमार, पंकज पाठक आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।


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