टीवी से पढ़ाई कर स्मार्ट होंगे सरकारी स्कूलों के बच्चे
बेसिक स्कूलों में लॉकडाउन के बाद होगी स्मार्ट टीवी की व्यवस्था ग्राम प्रधान पंचायत के बजट से खरीदेंगे टीवी शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण
बेसिक स्कूलों में लॉकडाउन के बाद होगी स्मार्ट टीवी की व्यवस्था
ग्राम प्रधान पंचायत के बजट से खरीदेंगे टीवी, शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण
प्रमोद सिंह, हाथरस: अभी तक बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अक्षर ज्ञान ब्लैकबोर्ड के जरिए कराया जाता था, लेकिन अब बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी सीबीएसई की तर्ज पर शिक्षा मिलेगी। बच्चों को स्मार्ट टीवी के जरिए पढ़ाया जाएगा। इसके लिए उच्च अधिकारियों की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ग्राम प्रधानों को टीवी की व्यवस्था करानी होगी।
ये है व्यवस्था
जिले में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 1513 है। इन विद्यालयों में करीब एक लाख चालीस हजार विद्यार्थियों को साढ़े चार हजार शिक्षकों के द्वारा शिक्षा दिलाई जाती है। विद्यालयों में अभी तक ब्लैकबोर्ड के जरिए ही शिक्षकों के द्वारा पढ़ाया जाता है जबकि सीबीएसई स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लास के जरिए पढ़ाई होती है। बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अपने आपको उपेक्षित महसूस करते है।
बदल जाएगी स्कूलों की सूरत
अब जहां कंपोजिट ग्रांट के जरिए विद्यालयों को सुंदर बनवाया जा रहा है। विद्यालयों में पर्यावरण का संदेश देने के साथ-साथ बॉल पेंटिग कराई जा रही है। आने वाले दिनों में अन्य व्यवस्था भी विद्यालयों में कराई जानी है। अब प्रत्येक विद्यालय में स्मार्ट टीवी का बंदोबस्त सरकार द्वारा कराया जा रहा है। ग्राम प्रधानों को मिलने वाले बजट से स्मार्ट टीवी की व्यवस्था विद्यालयों में कराई जाएगी।
शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण
बेसिक शिक्षा विभाग का अपना एक दीक्षा एप है। इस एप में विद्यार्थियों के पढ़ाने के लिए वीडियो मौजूद रहेंगे। शिक्षकों के द्वारा उन वीडियो के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। शिक्षकों को टीचिग माड्यूल मैटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा। जिसके लिए वाकायदा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इनकी सुनो -
लॉकडाउन खत्म होने के बाद विद्यालय संचालित होंगे। प्रत्येक विद्यालय में पंचायतीराज विभाग की ओर से ग्राम प्रधान टीवी की व्यवस्था कराएंगे। वीडियो के माध्यम से शिक्षक आसानी से शिक्षण कार्य कर सके। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा।
मनोज कुमार मिश्र, बीएसए, हाथरस।