Move to Jagran APP

मजदूर बनाकर बदायूं से लाए गए छह स्कूली बच्चे

??? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ???????? ????? ?? ??? ?? ??? ?? ??? ??? ????? ?????

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 01:15 AM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 01:15 AM (IST)
मजदूर बनाकर बदायूं से लाए गए छह स्कूली बच्चे

जासं, हाथरस : आलू खोदाई के लिए करीब 200 किलोमीटर दूर बदायूं से बच्चे मजदूर बनाकर हाथरस में लाए जा रहे हैं। जीआरपी ने मंगलवार देर शाम ऐसे छह बच्चों को पकड़ा है। सभी की उम्र लगभग आठ से 10 साल होगी। बच्चे स्कूली ड्रेस में थे, हाथ में बस्ता भी था। आशंका जाहिर की है कि जनपद में बड़ी संख्या में बाल मजदूरों का खेतों में खोदाई के लिए उपयोग किया जा रहा है। जीआरपी ने बच्चों को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया है। परिजनों को भी बुलवा लिया है। एक नाबालिग समेत दो युवकों को पकड़ा है, जिनसे पूछताछ जारी है।

loksabha election banner

जीआरपी ने कासगंज से मथुरा जा रही पैसेंजर ट्रेन के इंजन से तीसरे डिब्बे में चेकिंग के दौरान इन बच्चों को देखा। सभी स्कूली ड्रेस में थे और सहमे हुए बैठे थे। संदेह पर जब पूछताछ की तो बच्चे कुछ नहीं बता पाए। दो युवकों की ओर इशारा किया। सभी को जीआरपी थाने में ले आई। बदायूं के कुसैना भोरीपुरा निवासी तेजपाल (23) व इसी जनपद के नगला भिड तहसील सहसवान निवासी टिकू (24) व उसके एक नाबालिग साथी से पूछताछ जारी है। युवकों ने बताया कि वह बच्चों को आलू खोदाई के लिए सहपऊ व सादाबाद ले जा रहे थे। यहां 10 दिन तक आलू की खोदाई करेंगे और उनसे जो पैसा मिलेगा, वह आपस में बांट लेंगे। युवक ने बताया कि पहले भी वह यहां कार्य कर चुके हैं। हर बार बच्चों को उनके परिजनों की सहमति से लाते हैं। 100 रुपये में मिल रहे बाल मजदूर

यह भी पता चला है कि सामान्य मजदूर को जहां 300 रुपये रोजाना देने पड़ते हैं, वहीं बाल मजदूरों को 100 रुपये में देकर ही काम चलाया जा रहा है। इसने सिस्टम पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर यह बच्चे जनपद में कैसे बाल मजदूरी कर रहे हैं? इन पर प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ी? वर्जन-

बच्चों के परिजनों को बुलवाया गया है। चाइल्ड लाइन को भी सूचना दे दी है। बच्चों को भोजन कराया गया है। अग्रिम पूछताछ के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

सोनू राजौरा, जीआरपी थाना प्रभारी, हाथरस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.