खारे पानी की समस्या पर खौला खून
हसायन और सादाबाद क्षेत्र के ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट का घेराव कर किया प्रदर्शन पानी की पीड़ा 61 ग्राम पंचायतों में खारे पानी की समस्या से परेशान हैं ग्रामीण राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सांसद, विधायकों और डीएम को सौंपा
जागरण संवाददाता, हाथरस : जनपद के 61 गांवों में खारे पानी की समस्या से परेशान ग्रामीणों ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। यहां सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में शामिल होने आए सांसद, विधायक के साथ डीएम को ज्ञापन सौंपकर समस्या के समाधान की मांग की। ग्रामीणों को आश्वासन देकर शांत किया गया।
युवा जन कल्याण समिति के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली और बाइकों से दोपहर 11:30 बजे कलक्ट्रेट पहुंचे। इनमें गांव बघराया, महा¨सहपुर, मोहब्बतपुरा केसोपुर समेत सादाबाद क्षेत्र के कुछ गांवों के लोग शामिल थे। उनके साथ हसायन ब्लॉक प्रमुख के प्रतिनिधि सुमंत किशोर भी थे। उस समय कलक्ट्रेट सभागार में जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक चल रही थी। इसमें डीएम के साथ-साथ सांसद राजेश दिवाकर, सदर विधायक हरीशंकर माहौर, सिकंदराराऊ विधायक वीरेंद्र ¨सह राणा, ब्लॉक प्रमुख अमर ¨सह पांडेय समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। करीब दो घंटे तक बैठक चली तब तक ग्रामीण कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए। 'घेर रही बीमारी हमें चाहिए मीठा पानी', 'पानी नहीं दे सकते तो हमें मौत दो' आदि नारों से ग्रामीणों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए काफी देर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों को शांत करने में पुलिस की नोकझोंक भी हुई।
मी¨टग खत्म करने के बाद सांसद, विधायक, जिलाधिकारी, ब्लॉक प्रमुख ग्रामीणों के बीच पहुंचे। सांसद ने ग्रामीणों की बात सुनी और बताया कि यह समस्या शासन तक पहुंच गई है। इसके निदान के लिए शासन स्तर से कार्यवाही चल रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन ने मीठे जल की परियोजना की लागत का 2.11 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा लेकिन शासन ने यह कहकर वापस भेज दिया कि बजट नहीं है। ग्रमीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्या का तत्काल समाधान नहीं हुआ तो 17 दिसंबर के बाद ग्रामीण कलक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन शुरू करेंगे। ग्रामीणों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उन्हें सौंपा। इस दौरान युवा जन कल्याण समिति के अध्यक्ष चंद्रपाल ¨सह, प्रधान नौपुरा हरभजन ¨सह, उदय प्रताप, हरिओम शंकर, प्रेमपाल, सत्यवीर, उमेश कुमार, कृष्ण कुमार, अवधेश कुमार आदि मौजूद रहे। ग्रामीणों का दर्द
ग्रामीणों ने बताया कि वह वर्षों से खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। गांवों में बच्चों से लेकर वृद्ध तक पानी के सेवन से बीमारियों की चपेट में हैं। हर दूसरा व्यक्ति कमर झुकने, चर्म रोग, बाल झड़ने, हड्डियों की कमजोरी जैसी बीमारियों से परेशान है। मीठे पानी के लिए कई किलोमीटर दूर दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। इस समस्या को उन्होंने सीएम के समक्ष भी उठाया था। हर बार प्रस्ताव भेजने की बात कह दी जाती है, मगर समस्या का समाधान नहीं कराया जा रहा।
गांवों पर ही रोक दिए कई ट्रैक्टर
ग्रामीणों ने 7 दिसंबर को कलक्ट्रेट का घेराव करने का एलान किया था। इसको देखते हुए खुफिया विभाग सक्रिय था। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीणों को मैनेज करने में लगे हुए थे। गुरुवार शाम को गांवों में पुलिस भ्रमण करती रही। शुक्रवार सुबह सीओ और एसडीएम गांवों में पहुंचे थे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाया था कि बुलंदशहर कांड के बाद धारा 144 लगी हुई है। रैली न निकालें, प्रशासनिक अधिकारी गांवों में आकर आपकी बात सुनने के लिए तैयार हैं। अधिकारियों ने कई ट्रैक्टर गांवों में ही रुकवा दिए। इसके बाद भी दो ट्रैक्टरों और बाइकों पर लोग कलक्ट्रेट पहुंच गए। सांसद ने दिया सीएम से
मिलाने का आश्वासन
सांसद राजेश दिवाकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे और बताया कि उनकी समस्या के निदान के लिए शासन स्तर पर कवायद चल रही है। जनपद से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट जा चुकी है। सांसद ने बताया कि उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि ग्रामीण तीन लोगों का प्रतिनिधिमंडल तैयार कर लें। वह आठ दिन बाद प्रतिनिधिमंडल की लखनऊ में मुख्यमंत्री से मुलाकात कराएंगे। इनका कहना है
गांव वालों की समस्या को देखते इसका एस्टीमेट बनाकर दो बार शासन को प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में सभी गांवों की समस्या को दूर करने की योजना है। शासन से कितना समय लगेगा, इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता है। फिर भी जल्द से जल्द गांवों की समस्या दूर करने के प्रयास किए जाएंगे।
-डॉ. रमाशंकर मौर्य, जिलाधिकारी हाथरस।