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यहां तो रेमडेसिविर इंजेक्शन ही नहीं लिमसी गोली भी गायब

फेमी फ्लू सिफेक्सिन एंटीबायोटिक भी नहीं मिल रही बाजार में केएन 95 मास्क भी नहीं मिल रहे बाजार में कोरोना मरीजों के लिए जरूरत की दवाओं की है किल्लत।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 06:47 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 06:47 AM (IST)
यहां तो रेमडेसिविर इंजेक्शन ही नहीं लिमसी गोली भी गायब

जासं, हाथरस : कोरोना संक्रमण किस कदर बढ़ रहा है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जीवन रक्षक ऑक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन ही नहीं मल्टीविटामिन गोली भी नहीं मिल रही है। रैपिड ट्रीटमेंट के लिए फेमी फ्लू व सिफेक्सिन एंटीबायोटिक भी नहीं मिल रही है। दैनिक जागरण की टीम ने रविवार को थोक से लेकर फुटकर की दवा दुकानों पर जाकर पड़ताल की तो कोरोना के इलाज के लिए जरूरी दवाओं का घोर अभाव मिला।

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जनपद में कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। शुक्रवार को 47 और शनिवार को 20 संक्रमित मरीज पाए गए थे। लोग सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। ऐसे में दवाओं किल्लत बनी हुई है। हमने फिजीशियन से बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन के अलावा फेमी फ्लू, सिफेक्सिन, लिमसी जैसी दवाओं की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा स्टेरॉयड में मिथाइल प्रेडनिसोलन व अन्य की भी जरूरत पड़ती है। इन दवाओं को लेकर हमने थोक बाजार से लेकर फुटकर तक के दुकानदारों से बात की तो उन्होंने बताया कि ये दवाएं आ नहीं रही हैं। कुछ लोग इधर-उधर से मंगा रहे हैं और शॉर्ट चल रही है। प्रमुख दवा विक्रेता पदम अग्रवाल ने बताया कि कोविड मरीजों के लिए जरूरी दवाएं नहीं मिल रही हैं। इन दवाओं का इंतजाम कराना चाहिए। कोविड अस्पतालों में भी दी

जा रही हैं साधारण दवाएं

कोविड अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों के तीमारदार बताते हैं कि वहां रैपिड ट्रीटमेंट के स्थान पर साधारण दवाओं से इलाज किया जा रहा है। सिर्फ साधारण मल्टीविटामिन और पैरासीटामोल जैसी साधारण दवाओं से ही इलाज कर रहे हैं। यही वजह है कि मरीजों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। तीमारदारों का इन अस्पतालों से भरोसा भी टूटता जा रहा है। शहर और देहात क्षेत्र से जुड़े साधन संपन्न तीमारदार अपने मरीजों का इलाज अलीगढ़, आगरा, मथुरा, नोएडा ही नहीं जयपुर व अजमेर में भी करा रहे हैं। सबसे अधिक मुसीबत साधारण और मध्यम वर्गीय परिवार के तीमारदारों की है कि वे न तो महंगी दवा खरीद सकते है और न ही निजी अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं। मास्क की भी किल्लत

कोरोना संक्रमण रोकने में जहां मास्क को बेहद सुरक्षित बताया जा रहा है। खासकर ट्रिपल लेयर सबसे अधिक सुरक्षित मास्क केएन 95 बताया जा रहा है। उसकी किल्लत है। जिनके पास है, वे मनमाने दाव में बेच रहे हैं। मजबूर होकर लोग सर्जिकल मास्क और साधारण कपड़े से बने ही इस्तेमाल कर रहे हैं।


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