ग्राम प्रधान व सचिव से होगी साढ़े नौ लाख की रिकवरी
तीन साल पुराने मामले में समिति की रिपोर्ट पर डीएम के निर्देश ब्लर्ब- हसायन ब्लॉक की ग्राम पंचायत ढडौली का है मामला, सात दिन में होगी रिकवरी
जासं, हाथरस : हसायन की ग्राम पंचायत ढडौली में भ्रष्टाचार व घोटाले से जुड़े तीन साल पुराने मामले में जिलाधिकारी डॉ. रमाशंकर मौर्य ने तत्कालीन ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव से सात दिन के अंदर 9,40,880 रुपये की रिकवरी के आदेश दिए हैं। कुल धनराशि का आधा हिस्सा ग्राम प्रधान और आधा हिस्सा सचिव को वेतन से देना होगा। ग्राम प्रधान से एडीओ पंचायत हसायन व सचिव के वेतन से रिकवरी जिला पंचायत राज अधिकारी करेंगे।
डीपीआरओ बनवारी ¨सह ने बताया कि तत्कालीन क्षेत्र पंचायत सदस्य ढडौली ने 16 फरवरी 2015 को इस मामले में शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि तत्कालीन ग्राम प्रधान बाबू ¨सह व सचिव केपी ¨सह की मिलीभगत से राज्य वित्त व 14वें वित्त की धनराशि का दुरुपयोग कर फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए धनराशि हड़प ली गई। शिकायत पर तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई। इस मामले में उस समय गठित कमेटी ने 07 नवंबर 2015 को दोनों को दोषी माना और चार लाख 70 हजार की रिकवरी निकाली। इस जांच के खिलाफ 2016 में प्रधान हाईकोर्ट चला गया। कोर्ट ने आदेश दिया कि आरोपित प्रधान के खिलाफ विभागीय जांच जारी रखी जाए, लेकिन उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न की जाए। इस मामले में जिला पंचायत राज अधिकारी ने विधिक राय लेकर फिर से प्रधान व सचिव के खिलाफ जांच शुरू कराई। काफी दिनों से जिला पंचायत राज अधिकारी के न होने से इस मामले में जांच नहीं हो पाई, लेकिन अमेठी से आए नए डीपीआरओ ने चार्ज लेते ही कार्रवाई को आगे बढ़ाया। अंतिम जांच कमेटी में शामिल भूमि संरक्षण अधिकारी व अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी ने जांच के बाद प्रधान को राज्य वित्त व 14 वें वित्त आयोग की धनराशि का दोषी माना और 9,40,880 की रिकवरी निकाली। अंतिम रिपोर्ट के बाद जांच से जुड़ी फाइल रिकवरी के अनुमोदन को डीएम के पास पहुंची, जिसके बाद दोषी प्रधान व सचिव के खिलाफ रिकवरी के आदेश जारी हुए हैं। वर्जन-
तत्कालीन ग्राम प्रधान के खिलाफ राज्य व 14वें वित्त आयोग की राशि का फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर गबन का आरोप जांच में सही पाया है। डीएम के निर्देश पर रिकवरी के आदेश दिए हैं। सात दिन में रिकवरी नहीं हुई तो प्रधान की भूमि व सचिव के वेतन से रिकवरी होगी।
-बनवारी ¨सह, डीपीआरओ, हाथरस